window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); साइबर अपराध मामलों की एडीजी लॉ एंड ऑडर ने की समीक्षा, डिजिटल अरेस्ट व साइबर धोखाधड़ी पर सख्त कार्यवाही के दिए निर्देश | T-Bharat
April 21, 2025

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साइबर अपराध मामलों की एडीजी लॉ एंड ऑडर ने की समीक्षा, डिजिटल अरेस्ट व साइबर धोखाधड़ी पर सख्त कार्यवाही के दिए निर्देश

देहरादून,। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी. मुरूगेशन द्वारा एसटीएफ उत्तराखण्ड तथा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, देहरादून व पंतनगर में लम्बित अभियोगों की समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान विवेचनाओं में तेजी लाने, अभियुक्तों के विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्यवाही करने तथा पीड़ितों की धनराशि रिकवर कराने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया।
गोष्ठी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ द्वारा बताया गया कि विगत समय में डिजीटल अरेस्ट कर धोखाधड़ी करने सम्बन्धी कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिनमें समय से सूचना प्राप्त होने पर मुख्य-मुख्य चार घटनाओं में संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कराकर लगभग 02 करोड़ 30 लाख रुपए पीड़ितों को वापस कराए गए। डिजीटल अरेस्ट के नाम पर आम नागरिकों को अरेस्टिंग का भय दिखाकर उपरोक्त साइबर अपराध कारित किया गया। इसी प्रकार शेयर ट्रेडिंग आदि के नाम पर लोगों को अधिक लाभ कमाने का लालच देकर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का प्रयोग कर टेलीग्राम व व्हाट्स एप ग्रुप में जोड़कर धोखाधड़ी की गयी, जिसमें प्रकाश में आये संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कराकर लगभग 51 लाख रुपए की रिकवरी करायी गयी। अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था द्वारा डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग व अन्य लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने आदि साइबर अपराधों के सम्बन्ध में आम जन को जागरुक करने हेतु वृहद स्तर पर जागरुकता अभियान चलाये जाने व 1930 साइबर क्राइम हेल्पलाइन का प्रचार-प्रसार करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ को निर्देशित किया गया।
गोष्ठी के दौरान लम्बित विवेचनाओं के सम्बन्ध में विवेचक तथा पर्यवेक्षण अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि साइबर धोखाधड़ी के मनी ट्रेल के आधार पर संदिग्ध बैंक खातों का पता लगाकर खाता धारकों के विरुद्ध शीघ्र वैधानिक कराते हुए उनसे विस्तृत पूछताछ, आवश्यकतानुसार पुलिस कस्टडी रिमाण्ड लेकर पीड़ितों की धनराशि रिकवर की जाए। पोर्टलों से तकनीकी सहयोग प्राप्त कर अभियुक्तों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जाए। साथ ही 1930 साइबर क्राइम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों पर भी त्वरित कार्यवाही की जाए। गोष्ठी में नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, धीरेन्द्र गुंज्याल, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था,नवनीत भुल्लर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, स्वप्न किशोर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, अंकुश मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, साइबर क्राइम, सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

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