हरिद्वार,(Amit kumar): पतंजलि अनुसंधान परिसर में दो दिवसीय जैविक खेती पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें एमिटी कृषि प्रसार सेवा केंद्र, नॉएडा के माध्यम से नाबार्ड परियोजना के अंतर्गत आये किसानों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर श्री पवन कुमार (सी.जी.एम, पोरी) एवं श्री के.एन. शर्मा (निदेशक, मृदा परीक्षण) में किसानो को पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान के द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों जैसे की पतंजलि कृषक समृद्धि कार्यक्रम, परिसर में स्थित मृदा परिक्षण प्रयोगशाला,
धरती का डॉक्टर (मृदा परिक्षण किट) एवं श्री तरुण शर्मा (राज्य प्रभारी, उत्तराखंड) औषधीय पौधों की खेती अनुबंध खेती के बारे में बताया एवं साथ ही जैविक खेती में उपयोगी खाद, वेस्ट-डी कंपोजर, वर्मीकम्पोस्ट, जीवामृत आदि को बनाने का प्रशिक्षण एवं जैविक सांप-सीढ़ी खेल के माध्यम से बताया गया।
द्वितीय दिवस में प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत पतंजलि योगपीठ के महामंत्री परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी के आशीर्वाद से किया। कार्यक्रम में आचार्य श्री ने किसानों को विषमुक्त खेती एवं औषधीय पौधों की खेती के लाभ बताये। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि राष्ट्र को जैविक खेती के माध्यम से आगे बढायें।
इस अवसर पर दीपक वशिष्ट (राज्य प्रभारी, उत्तर प्रदेश) ने दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट, रीजनल कौंसिल से जैविक प्रमाणीकरण की जानकारी एवं इसके लाभ बताये।
किसानों के साथ आयी केंद्र प्रभारी डॉ. नीतू सिंह ने एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस भ्रमण एवं प्रशिक्षण को किसानांे के लिए काफी उपयोगी एवं लाभदायक बताया। साथ ही भविष्य में इस प्रकार के उपयोगी भ्रमण एवं प्रशिक्षण पर सहमति जताई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में किसानों को पतंजलि अनुसंधान संस्थान एवं हर्बल गार्डन का भ्रमण कराया गया।
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