जैसी करनी वैसी भरनी
है कुदरत का यह दस्तूर
न्याय सदा करते परमात्मा
बदसूरत हो या कोई हूर
सकारात्मक सोच से हम
कर सकते है तनाव को दूर
प्रेम से बढ़ता अपनत्व रिश्ता
वैमनस्य करता अपनों से दूर
शांत मन से चिंतन करों
अच्छा सोचो अच्छा करों
ईश्वरीय मुराद मिल जाएगी
पहले स्वयं पर विश्वास करों ।
—-श्रीगोपाल नारसन
Her khabar sach ke sath
More Stories
पोनीटेल बनाते समय भूल से भी न करें ये गलतियां, बिगड़ सकता है लुक
सबके भले की सोचिए
‘बामी’ से नफरत, ‘काढ़े’ से मुहब्बत