window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); माता जानकी का जन्मोत्सव भव्यता से मनाया | T-Bharat
November 18, 2024

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माता जानकी का जन्मोत्सव भव्यता से मनाया

माता जानकी का जन्मोत्सव भव्यता से मनाया

माता जानकी का जन्मोत्सव भव्यता से मनाया

अयोध्या,(Amit kumar):कारसेवकपुरम्  वैदिक विधि विधान और कोविड दिशा निर्देशों का पालन करते हुये मनाया गया माता जानकी का जन्मोत्सव।कार्यक्रम माता जानकी पर व्याख्यान देते हुये पंचमुखी महादेव मंदिर के महंत और प्रसिद्ध प्रवचनकर्ता आचार्य जनकनंदनी शरण ने कहा सनातन संस्कृति में माता जानकी(सीता) अपने त्याग एवं समर्पण के लिए सदा के लिए अमर हैं।वह क्रिया-शक्ति,इच्छा-शक्ति और ज्ञान-शक्ति तीनो रूपों में प्रकट होकर सम्पूर्ण चराचर को अपने वात्सल्य से परिपूर्ण करती हैं।
इससे पूर्व माता जानकी के विग्रह का वैदिक रीति से श्रीराम वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य पं इंद्रदेव मिश्र वा आचार्य दुर्गा प्रसाद गौतम के मार्गदर्शन में तथा मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चम्पत राय द्वारा पूजन संपन्न हुआ।
इस दौरान अपने विचार रखते हुये महासचिव चम्पत राय ने कहा सीता नवमी यानि जानकी जन्मोत्सव हिन्दू समाज के लिए पूज्य अनुकरणीय है।माता जानकी का त्याग और पारिवारिक समर्पण हमे पवित्र संदेश देता आ रहा है।उन्हों ने कहा हमारी संस्कृति सदैव त्याग और बलिदान की साक्षी रही। अपनी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रखने के कारण ही हम आज गौरवान्वित हो रहे हैं।
अपने उद्बोधन में जनकनंदनी शरण महाराज ने कहा  बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम।
राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥
कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम।
मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥
जानकी यानि माता सीता क्रिया-शक्ति,इच्छा-शक्ति और ज्ञान-शक्ति तीनों रूपों में प्रकट होती हैं। माँ सीता भूमि रूप हैं, भूमि से उत्पन्न होने के कारण उन्हें भूमात्मजा भी कहा जाता है। सूर्य,अग्नि एवं चन्द्रमा का प्रकाश सीता जी का ही स्वरुप है। चन्द्रमा की किरणें विभिन्न औषधिओं को रोग निदान का गुण प्रदान करती हैं। ये चंद्र किरणें अमृतदायिनी सीता का प्राणदायी और आरोग्यवर्धक प्रसाद है। मां सीताजी ने ही हनुमानजी को उनकी सेवा-भक्ति  से प्रसन्न  होकर अष्ट सिद्धियों तथा नव निधियों का स्वामी बनाया।  उन्हों ने कहा तुलसीदासजी ने सीताजी की वंदना करते हुए उन्हें उत्पत्ति, पालन और संहार करने वाली,क्लेशों को हरने वाली एवं समस्त जगत का कल्याण करने वाली राम वल्लभा कहा है।अनेकों ग्रंथ उन्हें जगतमाता, एकमात्र सत्य, योगमाया का साक्षात स्वरुप व समस्त शक्तियों की स्त्रोत तथा मुक्तिदायनी कहकर उनकी आराधना करते हैं। जानकी नवमी सम्पूर्ण विश्व में निवास करने वाले सनातन धर्मियो के लिए महापर्व है। कार्यक्रम का संचालन विहिप केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज ने किया।
इस अवसर पर विहिप केन्द्रीय प्रबंध समिति के सदस्य पुरुषोत्तम नारायण सिंह, क्षेत्र संगठनमंत्री अम्बरीष,कारसेवकपुरम् प्रभारी शिवदास,डाँ अनिल मिश्र ,भाजपा नेता धर्मेन्द्र कुमार सिंह, शरद शर्मा,विजय सिंह, धीरेश्वर वर्मा,सर्वेश रामायणी,राजा वर्मा,कुुसुुुमलता अग्रवाल,बालचन्द्र, घनश्याम जायसवाल, आनंद कुुुमार, रत्नेश,मोहित आदि उपस्थित रहे।

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