हरिद्वार,(Amit kumar): श्रीपंच दशनाम अग्नि अखाड़े में आद्यजगद्गुरू शंकराचार्य जी की जयन्ती पर विशेष अनुष्ठान यज्ञ का आयोजन कर उन्हे नमन करते हुए उनके द्वारा स्थापित परम्परा को और अधिक मजबूत करने का संकल्प दोहराया गया। सोमवार को जूना अखाड़ा परिसर में स्थापित अग्नि अखाड़े की धर्मध्वजा के नीचे माता गायत्री चरण पादुका पर विशेष अनुष्ठान यज्ञ कार्यक्रम कर आयोजन किया गया। इस दौरान विश्व से कोरोना खात्मे की कामना के साथ भी हवनकुण्ड में आहूतियाॅ डाली गई। इस दौरान आद्य जगद्गुरू शंकराचार्य के प्रकटोत्सव यानि जयंती के मौके पर उनके चित्र की पूजा अर्चना कर उनके बताये मार्ग पर चलने का आहवान किया। कार्यक्रम में कोविड गाईड लाईन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव व मेला प्रभारी ब्रहमचारी साधनानंद ने कहा कि आद्यजगद्गुरू भगवान शंकराचार्य ने दर्शन और ज्ञान से परिपूर्ण अध्यात्म की विधि सम्मत परम्परा दी। उन्होने सनातन धर्म को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए देश के चारों दिशाओं उत्तर ,दक्षिण,पूरब और पश्चिम को एक सूत्र में पिरोकर अखण्ड वैदिक सनातनी परम्परा को बांधने का कार्य किया। उन्होने चारों दिशाओं में चार पीठ की स्थापना कर सनातन धर्म को मजबूत करने का कार्य करने वाले आदि शंकराचार्य ने भारतीय सनातन समाज को धर्म कर्म की मुख्यधारा में पदस्थापित करने का कार्य किया। आद्य शंकराचार्य सनातन धर्म के साथ साथ हमेशा विश्व कल्याण की भावना से अपने कर्तव्य का पालन करते रहे। इस मौके पर उन्होने बताया कि श्रीपंच अग्नि अखाड़ा 18 मई को गंगा सप्तमी के दिन माॅ गंगा,भगवान बद्री विशाल की पूजा र्चना के पश्चात पूर्ण वैदिक विधि विधान से अपनी धर्म-घ्वजा उतार लेगा। उन्होने कहा गंगा सप्तमी को ही कुम्भ मेला 2021 का समापन कर दिया जायेगा। कार्यक्रम में अखाडे के ,ब्रहमचारी प्रयागगिरि, ब्रहमचारी कमलानंद ने भी भगवान शंकराचार्य को नमन करते हुए कहा कि उन्होने सनातन की शाश्वत परम्परा को और अधिक पदस्थापित किया और सर्वे भवन्तु सुखिनः के ध्येय को आगे बढाया। कार्यक्रम में ब्रहमचारी शुक्लानंद,आचार्य चर्तुभुजानंद,शीतला प्रसाद उपाध्याय,चमन गिरि,नागा बाबा पुकारवाले,आचार्य शीतल प्रसाद सहित कई अन्य संतगण उपस्थित थे।
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