नई दिल्ली : भारत के उभरते हुए स्टार खिलाड़ी शुभमन गिल का मानना है कि ‘स्ट्राइक-रेट’ एक तरह से ‘ओवररेटिड’ (जिसे बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जाए) चीज है और उनका मानना है कि बल्लेबाज की सबसे मजबूत चीज एक निश्चित बल्लेबाजी शैली के बिना विभिन्न परिस्थितियों में खुद को ढालना होती है। ऑस्ट्रेलिया में भारत को टेस्ट सीरीज में मिली ऐतिहासिक जीत में गिल की भूमिका भी अहम रही थी लेकिन उन्होंने अभी तक केवल तीन वनडे खेले हैं और अभी उन्हें टी20 अंतरराष्ट्रीय में पदार्पण करना है।
यह युवा अपने धीमे स्ट्राइक रेट की वजह से भले ही अभी टीम की सफेद गेंद की योजना में शामिल नहीं हो लेकिन यह चीज उनके लिए चिंता का विषय नहीं है।
कोलकाता नाइट राइडर्स के स्टार बल्लेबाज ने आगामी इंडियन प्रीमियर लीग से पहले पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे लगता है कि स्ट्राइक रेट को एक तरह से बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जाता है।’
उन्होंने कहा, ‘आप किसी स्थिति में खुद को किस तरह से ढालते हो, यह अहम होता है। अगर टीम आपसे 200 के स्ट्राइक रेट से खेलने की उम्मीद करती है तो आपको ऐसा करने योग्य होना चाहिए। अगर टीम आपसे 100 के स्ट्राइक रेट से खेलने की मांग करती है तो आपको ऐसा करने में सक्षम होना चाहिए। यह सिर्फ मैच की परिस्थितियों के अनुरूप ढलने की बात है। ’
गिल ने कहा, ‘आपके खेल में एक निश्चित ‘पैटर्न’ नहीं होना चाहिए कि आप केवल एक ही तरह से खेल पाते हो और विभिन्न परिस्थितियों के हिसाब से सांमजस्य नहीं बिठा पाते। ’
ऑस्ट्रेलिया में शानदार टेस्ट पदार्पण के बाद इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में वह इतना अच्छा नहीं कर सके और सात पारियों में केवल एक अर्धशतक ही जमा सके।
गिल ने पिछले साल दिंबसर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम वनडे खेलने के बाद सफेद गेंद का भी कोई मैच नहीं खेला है लेकिन वह ‘गेम टाइम’ (मैच खेलना) को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इससे कुछ असर नहीं पड़ेगा क्योंकि 11 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पहले मैच से पहले हमारे पास काफी दिन हैं।’
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