window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); कोर्ट ने एसडीएम समेत सात लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश | T-Bharat
November 16, 2024

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कोर्ट ने एसडीएम समेत सात लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश

रुद्रपुर:एक विवाहिता की शिकायत पर सिविल जज जूनियर डिवीजन की कोर्ट ने यूपी में तैनात एसडीएम सहित सात लोगों पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने यूपी के उत्तरौला जिला बलरामपुर में तैनात एसडीएम अरुण कुमार गौड़ और अन्य पर केस दर्ज कर लिया है। अरुण पर दहेज में तीस लाख रुपये मांगने, अभद्रता और पत्नी को जिंदा जलाने की कोशिश का आरोप भी है।
कोतवाली में दर्ज मुकदमे में विवाहिता रिंकी पुत्री मायाशंकर निवासी ग्राम कीतरपुर रुद्रपुर ने कहा है कि उसका विवाह ग्राम मूडाडीह थाना देवरिया यूपी निवासी अरुण कुमार गौड़ के साथ 15 दिसंबर 2018 को हुआ था। अरुण वर्तमान में उत्तरौला जिला बलरामपुर में एसडीएम पद पर तैनात हैं। पति की मांग पर पिता ने दान में 30 लाख रुपये, जेवरात, कार और अन्य सामान दिया। आरोप है कि शादी के बाद दंपती गोवा गए तो पति ने मारपीट कर दोबारा 30 लाख रुपये की मांग कर दी। आरोप है कि ससुर रामचंद्र, जेठ दिलीप कुमार, अजय कुमार, जेठानी मंजू देवी, रंजीता देवी, ननद शशी प्रभा ने भी मारपीट कर दहेज की मांग की।
सात अप्रैल 2020 को पति ने उसे और परिवारवालों को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए रसोइए के साथ आपत्तिजनक हरकतें करने का दबाव बनाया। पूरे मामले के फोटो भी खींच लिए और घर से निकाल दिया। पति और ससुरालियों ने उसे रस्सी से बांधकर जलाने की कोशिश भी की थी। बताया कि पति के साथ तैनात स्टाफ ने रिंकी की जान बचाई। नौ अप्रैल को पति अपने चालक, दो सिपाहियों, चपरासी के साथ रिंकी को पिता के घर लेकर आया और जबरन तलाकनामे पर दस्तखत कराने की कोशिश की थी। आरोप है कि पति ने लाइसेंसी रिवाल्वर निकालकर धमकाने के साथ जबरन गाड़ी में खींचकर ले जाने की कोशिश की थी।
शोर सुनकर भाई और भाभी ने वहां पहुंचकर उसे बचाया था। पति पद का दुरुपयोग कर उसका दहेज के लिए उत्पीड़न करता है और क्रूरतापूर्वक व्यवहार करता है। पिछले साल भी उसके साथ मारपीट की गई थी। इसके बाद 19 नवंबर 2019 को उसने बलरामपुर के जिला अस्पताल में मेडिकल कराया था। रिंकी का कहना है कि जानमाल का खतरा बना हुआ है। कोतवाल एनएन पंत ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर सात आरोपियों पर धारा 498 ए, 323, 504, 506 और दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा तीन और चार के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच बाजार चैकी इंचार्ज प्रदीप पंत को सौंपी गई है। 

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