हरिद्वार:अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा है कि किन्नर अखाडा उनके साथ था और आगे भी रहेगा। इसके लिए अगर अखाड़ा परिषद जूना अखाड़ा का निकाल दे या फिर परिषद के महामंत्री पद से हमे इस्तीफा देना पड़े तो हम इस्तीफा दे देंगे। उन्होने अखाड़ा परिषद की प्रयागराज में हुई बैठक में किन्नर अखाड़ा को फर्जी अखाड़ा कहने सम्बन्धी बातों को खारिज कर दिया।
श्री महंत हरिगिरि ने कहा कि किन्नर अखाड़े को 2016 में उज्जैन में हुये कुम्भ में प्रशासन की ओर से जमीन आवंटित की गयी थी,जबकि 2019 में किन्नर अखाड़े ने शाही स्नान किया था। उन्होने कहा कि किन्नर अखाड़े को लेकर पहले भी अखाड़ा परिषद में चर्चा हुई। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि किन्नर अखाड़ा किस अखाड़े के साथ स्नान करेगी। बैठक में हमने कहा कि यह निर्णय किन्नर अखाड़े पर छोड दिया जाये। बाद में किन्नर अखाड़े ने जूना अखाड़े के साथ जाने का निर्णय लिया,जिसके बाद जूना अखाड़े की महासभा की हुई बैठक में साथ आने के निर्णय पर सहमति बनी। अखाड़े की आमसभा में हुये निर्णय के बाद किन्नर अखाड़े को जूना अखाड़े के साथ स्नान करने की अनुमति देने पर सहमति बनी। इसके लिए जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा के बीस-बीस पदाधिकारियों के हस्ताक्षर से वैध एंग्रीमेट हुआ और उसके बाद से किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ शाही स्नान में शामिल हुई। बताते चले कि विगत 01जनवरी को प्रयागराज में हुई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में किन्नर अखाड़ा एवं परी अखाड़े पर प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले के बाद अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने फेसले से असहमति जताते हुए कहा कि 2019 के प्रयागराज कुंभ में किन्नर अखाड़ा को जूना अखाड़े के साधु-संतों की राय के बाद जूना अखाड़े में शामिल किया था, जिसको लेकर जूना अखाड़ा आज भी वचनबद्ध है और आगे भी रहेगा। भले ही इसके लिए भले ही मुझे अखाड़ा परिषद से निकाल दिया जाए या मुझे महामंत्री पद से इस्तीफा देना पड़े, लेकिन जूना अखाड़ा अपना वचन निभाएगा, उन्होंने कहा किन्नर अखाड़ा हमारा है, था और हमेशा रहेगा। दूसरी ओर किन्नर अखाड़े के आचार्य महा मण्डलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ जरूर कुम्भ 2021 में शाही स्नान करेगा। उन्होने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के बयान को खारिज करते हुए कहा कि कोई किन्नर अखाड़ा के बारे में क्या सोचता है,इससे फर्क नही पड़ता। पिछले दिनो प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की हुई बैठक में कुछ चुनिदा लोगों ने किन्नर अखाड़े को लेकर कही गयी बातों को खारिज करती है। किन्नर सदियो से है और रहेगा। उन्होने श्रीमहंत हरिगिरि को नमन करते हुए उन्होने दोहराया कि 2015 से किन्नर अखाड़ा कुम्भ मेला के शाही स्नान में शरीक होने का प्रयास कर रहा है और जब अखाड़ा परिषद की सहमति के बाद जूना अखाड़े के साथ शाही स्नान में भाग लेने पर सहमति बन गयी तो फिर इस तरह के बयान कोई मायने नही रखता। उन्होने दोहराया कि कुम्भ 2021 में किन्नर अखाड़ा जरूर शाही स्नान करेगा।
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