window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); प्रवासियों की समस्याओं का मानवीय मूल्यों के आधार पर समाधान करना बहुत जरूरी | T-Bharat
November 16, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

प्रवासियों की समस्याओं का मानवीय मूल्यों के आधार पर समाधान करना बहुत जरूरी

प्रवासियों की समस्याओं का मानवीय मूल्यों के आधार पर समाधान करना बहुत जरूरी
प्रवासियों की समस्याओं का मानवीय मूल्यों के आधार पर समाधान करना बहुत जरूरी

ऋषिकेश,(Amit kumar): आज अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने विश्व के विभिन्न देशों में निवास कर रहे भारतीयों का आह्वान करते हुये कहा कि आप विश्व के किसी भी देश में निवास करें परन्तु अपने दिल में हमेशा भारतीयता को जिंदा रखे; भारतीय मूल्यों और मूल से जुड़े रहें, उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम’ और सर्वे भवन्तु सुखिनः के आदर्शों के साथ जियें। भारत के पास अपार आध्यात्मिक संपदा है; हमारा राष्ट्र, संस्कृति एवं संस्कारों का संवाहक है। भारतीय संस्कृति लोक कल्याण की संस्कृति है; उदारता की संस्कृति है, इन दिव्य गुणों को धारण कर एक बेहतर दुनिया के निर्माण में सहयोग प्रदान करें।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कौन अपना घर छोड़कर जाना चाहता है परन्तु किसी को काम की तलाश में तो किसी को शिक्षा ग्रहण करने के लिये अपने देश को छोड़कर दूसरे देश में जाकर बसना पड़ता है, ऐसे में सभी की सुरक्षा और सम्मान के साथ-साथ मानवतापूर्ण व्यवहार भी किया जाना चाहिये। हाल ही में एक अदृश्य वायरस कोरोना ने दिखा दिया कि हमारे बीच जो सीमायें है, वह सिर्फ हमारी सोच तक ही सीमित है, कोरोना जैसा छोटा सा वायरस उन सारी सीमाओं से परे होकर सम्पूर्ण मानवता के लिये एक संकट बनकर उभरा है, ऐसे में सभी राष्ट्रों की एकजुटता, सहयोग और सद्भाव ही मानवता को इन समस्याओं से बाहर निकाल सकता है। यह सभी राष्ट्रों और वहां के नागरिकों के लिये यह एक सबक भी है कि सभी को आपसी मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुटता के साथ जीना ही, हर समस्या का समाधान है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि प्रवासन को सुगम करने के साथ ही प्रवासियों की समस्याओं का व्यावहारिक और मानवीय मूल्यों के आधार पर समाधान करना बहुत जरूरी है। चाहे कोई प्रवासी हो या शरणार्थी उनके लिये मानवीय और व्यवस्थित प्रवास को बढ़ावा देने की जरूरत है। शरणार्थियों, विस्थापित और प्रवासियों को मानवीय स्तर पर सहायता उपलब्ध कराना, प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ मौलिक और बुनियादी सुविधायें उपलब्ध करायी जानी चाहिये क्योंकि मानवता हमेशा प्रथम दर्जे पर ही हो।

news
Share
Share