अब तक हुए तीनों मैचों में भारतीय बल्लेबाजों ने दम दिखाया है लेकिन इसके कुछ पहलु और भी हैं।
नई दिल्ली। पहले मैच में युवराज सिंह (62), फिर दूसरे मैच में अजिंक्य रहाणे (60), उसके बाद तीसरे मैच की पहली पारी में गुजरात लायंस के कप्तान सुरेश रैना ने नाबाद 68 रन बनाए तो उनके विरोधी कप्तान गौतम गंभीर (कोलकाता नाइट राइडर्स) ने भी नाबाद 76 रनों की पारी खेलकर जवाब दे दिया। सुनने में ये काफी अच्छा लग रहा है क्योंकि अब तक हुए तीनों मैचों में भारतीय बल्लेबाजों ने दम दिखाया है लेकिन इसके कुछ पहलु और भी हैं।
– कौन जीतेगा ये जंग?
ऊपर बताए गए आंकड़ों से ये साफ है कि अब तक हर मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने अपने फैंस को निराश होने का मौका नहीं दिया है। हालांकि एक सच ये भी है कि दूसरे और तीसरे मुकाबलों में ‘मैन ऑफ द मैच’ भारतीय नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ी ही रहे हैं। दूसरे मैच में स्टीवन स्मिथ (नाबाद 84) ने बाजी मारी जबकि तीसरे मैच में क्रिस लिन (नाबाद 93) ‘मैन ऑफ द मैच’ बने। सिर्फ पहले मैच में युवराज सिंह ही ऐसे भारतीय खिलाड़ी थे जो ‘मैन ऑफ द मैच’ बनने में सफल रहे। अभी तो सिर्फ शुरुआत है और सफर काफी लंबा, देखना होगा कि आगे ये जंग किस दिशा में जाती है और कौन आगे निकलता है।
– एक पहलु ये भी है…..
अब तक तीन मैचों में दो मैचों में मैन ऑफ द मैच’ विदेशी खिलाड़ी ही बने हैं और दिलचस्प बात है कि ये दोनों ही खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया हैं। एक हैं ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ जिनका नाम हर कोई जानता है और एक हैं क्रिस लिन जिनका नाम कल के मुकाबले से पहले कुछ ही लोग जानते थे। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बिग बैश लीग में खेलते हैं, आइपीएल में भी और कुछ खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में भी। इससे न सिर्फ वे ट्वंटी20 क्रिकेट प्रारूप के उस्ताद बन गए हैं बल्कि भारतीय पिचों पर टेस्ट, वनडे और टी20 खेलते-खेलते अब वे उपमहाद्वीप की पेचीदा पिचों के भी आदी हो गए हैं। ये संकेत है कि रनों की जंग में भारतीय खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती कंगारू खिलाड़ी ही रहने वाले हैं।
More Stories
इस मामले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को छोड़ा पीछे, कोहली-शमी ने रचा इतिहास
विश्वामित्र चोंगथम सहित तीन भारतीय मुक्केबाज सेमीफाइनल में
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में किये गए प्रदर्शन पर पूरी टीम को गर्व : पुजारा