पेस ने संकेत दिया कि भूपति के साथ उनके कड़वे रिश्ते टीम से उन्हें बाहर करने का कारण हो सकता है।
बेंगलुरु। दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस को उज्बेकिस्तान के खिलाफ शुक्रवार से यहां होने वाले एशिया ओसियाना जोन ग्रुप-1 डेविस कप मुकाबले के लिए भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया। 27 साल में पहली बार पेस डेविस कप से बाहर हुए हैं।
यह फैसला गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने लिया है। पेस की जगह बोपन्ना को चुना गया है। बोपन्ना अभी विश्व रैंकिंग में पेस से 34 पायदान आगे 23वें स्थान पर हैं।
1990 के बाद से पहली बार बाहर हुए पेस
पेस ने 1990 में जयपुर में जापान के खिलाफ डेविस कप में पदार्पण किया था। उन्हें फॉर्म के आधार पर पिछले 27 सालों में पहली बार डेविस कप टीम से बाहर किया गया।
भूपति पर भड़के लिएंडर पेस
लिएंडर पेस ने उज्बेकिस्तान के खिलाफ भारत की डेविस कप टीम से बाहर किए जाने के बाद गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति को लताड़ते हुए उन पर चयन मानदंड के उल्लंघन का आरोप लगाया। पेस ने संकेत दिया कि भूपति के साथ उनके कड़वे रिश्ते टीम से उन्हें बाहर करने का कारण हो सकता है।
पेस ने कहा, ‘जब मैं बुधवार की सुबह यहां अभ्यास के लिए आया तो मैं अच्छी तरह बॉल हिट कर रहा था। चयन का मानदंड फॉर्म होना था, जो निश्चित रूप से नहीं हुआ।’ पेस इस बात से सहमत थे कि टीम चुनना भूपति का अधिकार है, लेकिन उन्होंने सलाह दी कि वह किसी के भी खिलाफ पक्षपात नहीं करें। उन्होंने कहा, ‘एक समय यह रैंकिंग के आधार पर होता था और कभी-कभार यह पसंद और निजी तरजीह के आधार पर होता है। कभी-कभार यह व्यक्तिगत पसंद पर नहीं, बल्कि इस आधार पर होता है कि कौन ड्यूस कोर्ट पर और कौन एड कोर्ट पर खेलता है। अब यह फॉर्म पर आधारित है। फॉर्म के आधार पर, आप लोग बेहतर जानते हैं कि कौन बेहतर खेला।’
पेस ने कुछ दिन पहले ही मेक्सिको में लियोन चैलेंजर खिताब अपने नाम किया था। लियोन की समुद्र तल से ऊंचाई बेंगलुरु से कहीं ज्यादा है इसलिए उन्हें लगता है कि उनके प्रदर्शन को नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा, ‘बेंगलुरु की ऊंचाई 920 मीटर है। लियोन की ऊंचाई 1800 मीटर है, जो बेंगलुरु की ऊंचाई से दोगुनी है।’ पेस इस फैसले से अपमानित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मेक्सिको से सिर्फ टीम से बाहर करने के लिए बुलाया गया था।
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उन्होंने कहा, ‘देश के लिए खेलने के संबंध में इस तरह की बेहूदगी नहीं होनी चाहिए। मेरा मानना है कि आपको एक फोन करने की जरूरत थी कि आपकी जरूरत है या आपकी जरूरत नहीं है। यह इतना सरल है। यह इस तरह का नहीं होना चाहिए। भारतीय ध्वज, देश और लोगों के लिए मेरा प्यार निस्वार्थ है इसलिए मैं मेक्सिको से यहां तक आया, जबकि मैं आसानी से अपनी रैंकिंग और करियर पर काम कर सकता था।’
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