window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); जनजाति महोत्सव में श्वेता महारा और नरेश बादशाह की प्रस्तुतियों पर झूमे दूनवासी | T-Bharat
April 29, 2025

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

जनजाति महोत्सव में श्वेता महारा और नरेश बादशाह की प्रस्तुतियों पर झूमे दूनवासी

देहरादून,। उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध अभिनेत्री श्वेता महारा ने शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने ‘राजुला मालूशाही’, ‘फूल हजूरी’ और ‘सैयाँ जी’ जैसे प्रसिद्ध गीतों पर प्रस्तुति दी। इसके बाद सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेश बादशाह ने अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने ‘तेरी लाली’, ‘शिव कैलाशों के वासी’ और ‘दर्शनीय’ जैसे लोकप्रिय गीतों से माहौल को संगीतमय बना दिया।
महोत्सव में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और विभिन्न स्टॉल्स का आनंद लिया। यहां मिलेट आधारित जैविक खाद्य उत्पाद, पारंपरिक हस्तशिल्प, होम डेकोर, पारंपरिक परिधान और जूते-चप्पल उपलब्ध हैं। यह महोत्सव सभी के लिए निःशुल्क प्रवेश के साथ खुला है। परेड ग्राउंड में इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वहीं विशिष्ट अतिथियों में विधायक सविता कपूर, मेयर सौरभ थपलियाल, समाज कल्याण विभाग के सचिव नीरज खैरवाल, अपर सचिव गौरव कुमार, मुख्यमंत्री के अपर सचिव एस.एस. टोलिया, टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी और टीआरआई उत्तराखंड के अपर निदेशक योगेंद्र रावत उपस्थित रहे। यह महोत्सव राज्य जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई), उत्तराखंड द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय आयोजन राज्य की विविध जनजातीय विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक भव्य उत्सव है, जिसमें कला, शिल्प और परंपराओं की झलक देखने को मिल रही है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मेघालय, असम, उत्तराखंड और झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस अवसर पर आदि गौरव सम्मान समारोहश् का भी आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुप्रसिद्ध लोकगायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और प्रसिद्ध लोकगायक किशन महिपाल को सम्मानित किया। इस महोत्सव में राज्यभर के जनजातीय कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ-साथ विभिन्न जनजातीय कलाओं और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी ने कहा, ष्उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव हमारी जनजातीय परंपराओं को संरक्षित, संवर्धित और प्रोत्साहित करने का एक सार्थक प्रयास है। यह मंच उनकी प्रतिभा को पहचान और सराहना दिलाने के साथ-साथ उनकी कला और संस्कृति को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने में सहायक होगा।

news
Share
Share