नई दिल्ली। सीएसओ (CSO) द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी (GDP) ग्रोथ रेट कम होकर पांच फीसदी के स्तर पर आने से रोजगार बढ़ाने के सरकारी प्रयास को तगडा झटका लगा है। ग्रोथ रेट कम होने का साफ मतलब है कि आर्थिक क्रियाकलापों में बड़ी कमी आई है। साफ तौर पर इससे रोजगार के अवसरों में भी लगातार कमी आ रही है। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में रोजगार के अवसर और सिकुड़ सकते हैं।
सीएसओ द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ी गिरावट आई है। पहली तिमाही के दौरान, मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ रेट पिछले वर्ष की इस अवधि की 12 फीसद ग्रोथ रेट की तुलना में महज 0.6 फीसद रह गई है।
गौरतलब है कि मैन्युफैक्चरिंग ही ऐसा सेक्टर है, जहां अकुशल और आंशिक रूप से प्रशिक्षित लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर निकलते हैं। ऐसे में इस सेक्टर की खस्ताहाली से निर्माण इकाइयों में काम करने वाले वर्तमान लोगों की जॉब सिक्योरिटी पर भी काले बादल मंडरा सकते हैं।
पहली तिमाही के दौरान औद्योगिक उत्पादन घटकर 3.6 फीसद रह गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान यह 5.1 फीसद था। इसके अलावा ऑटोमोबाइल की बिक्री, रेल मालभाड़े और घरेलू एयर ट्रेफिक में इस दौरान गिरावट दर्ज की गई है। गैर-तेल, गैर-सोना, गैर-चांदी और कम कीमती पत्थरों आदि के आयात में भी इस दौरान कमी दर्ज की गई है, जो दर्शाता है कि लोगों क्रय क्षमता कम हो रही है।
यात्री वाहनों की बिक्री में इस दौरान 19 सालों की सबसे बड़ी कमी आई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान यात्री वाहनों की बिक्री 31 फीसद कम हुई है। गौरतलब है कि यात्री वाहनों की बिक्री में लगातार 9 महीनों से कमी आ रही है। इससे इन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में काम करने वाले लोगों पर भी असर पड़ेगा।
सीएसओ (CSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी ग्रोथ रेट में इस बड़ी गिरावट की सबसे बड़ी वजह खपत में बड़ी कमी है। एफएमसीजी से लेकर ऑटो और अन्य सेक्टरों में भी इस दौरान लगातार गिरावट देखी गई है।
सेंट्रल स्टैलटिसटिक्स ऑफिस (CSO) ने 2019-20 की अप्रैल-जून की तिमाही के लिए देश की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े जारी किए हैं। पहली तिमाही में GDP ग्रोथ घटकर 5 फीसद के स्तर पर आई है। वित्त वर्ष 2019 की अंतिम तिमाही में यह 5.8 फीसद थी।
खपत में आई भारी गिरावट की वजह से GDP के आंकड़ों में इतनी भारी गिरावट देखने को मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की GDP ग्रोथ 6.7 फीसद रहेगी। RBI के अनुमान के अनुसार, पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 से 6.6 फीसद के दायरे में रहनी चाहिए। दूसरी तिमाही में इसके 7.3-7.5 फीसदी रहने का अनुमान किया गया था
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