विकासनगर,। उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाला सेतु सिंहपुरा (हिप्र)-नावघाट (भीमा वाला) पुल अप्रोच रोड/कनेक्टिविटी न होने की वजह से जनता को हो रही परेशानी को लेकर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मोर्चा के साथियों के साथ पुल का निरीक्षण कर वस्तु स्थिति परखी।
नेगी ने कहा कि करोड़ों रुपए की लागत से बना उक्त पुल विभागीय एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की अपरिपक्वता/नासमझी की वजह से शोपीस बनकर रह गया है, जिसकी वजह से सरकार का करोड़ों रुपया बेकार हो रहा है एवं उक्त पुल का वर्तमान में जनता को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। नेगी ने कहा कि अप्रैल 2015 में स्वीकृत पुल बगैर हिमाचल प्रदेश सरकार से पुख़्ता एमओयू साइन किये बगैर लगभग दो वर्ष पूर्व पुल बनाने का काम शुरू किया गया, जो अब बनकर तैयार है, लेकिन सिंहपुरा तक की कनेक्टिविटी संभवतः भूमि अधिग्रहित/ अर्जन किये बगैर ही कर दी गई द्यनेगी ने कहा है कि अपनी छिछलेदर होती देख अब कुछ लिखत-पढत शुरू हुई है द्यहैरानी की बात है कि पुल निर्माण से पहले हिमाचल प्रदेश सरकार से क्यों लिखित दस्तावेज नहीं लिए गए। नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि इस पुल का लाभ जनता को मिले न मिले, लेकिन भू-माफियाओं को जरूर मिल रहा है। मोर्चा शीघ्र ही इस प्रकरण को सरकार के समक्ष रखेगा। निरीक्षण के दौरान मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, प्रवीण शर्मा पिन्नी, हाजी असद व संतोष शर्मा मौजूद रहे।
Her khabar sach ke sath
More Stories
महंत इन्दिरेश अस्पताल में ह्दय रोगियों का बी.एम.वी. तकनीक से सफल उपचार
ब्रह्मज्ञान से विश्व में शांति संभव
मंत्री अग्रवाल ने जिला विकास प्राधिकरण के अंतर्गत किये जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की