कश्मीर, उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा में सुरक्षाबलों ने संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद तलाशी अभियान चलाया। उन्होंने क्षेत्र में आंतकी नेटवर्क तैयार होने से पहले ही उसका भंडाफोड़ कर दिया।
एक आतंकी और महिला गिरफ्तार
वहीं, इस मामले में एक आतंकी और महिला को गिरफ्तार किया गया है। जम्मू और कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों ने आतंकी नेटवर्क तैयार करने के षडयंत्र में शामिल एक स्थानीय आतंकी और एक मारे जा चुके आतंकी की पत्नी मुनीरा बेगम को गिरफ्तार किया है।
सुरक्षाबलों ने दोनों की निशानदेही पर हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया है। यह दोनों पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकी कमांडर मुश्ताक मीर के संपर्क में थे। मीर ने ही हथियार और पैसा भेजा है। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस को अपने तंत्र सेू पता चला था कि बांदीपुरा में एक नया आतंकी नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।
इस षडयंत्र में लिप्त एक स्थानीय आतंकी दारदगुंड पेठकूट इलाके में आने वाला है। इसके आधार पर पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर शुक्रवार की रात को कुछ चिह्नित स्थानों पर नाके लगाए। एक नाका पार्टी ने दारदगुंड के बाहरी हिस्से में एक संदिग्ध व्यक्ति को आते देखा।
पिस्तौल, मैगजीन,आठ कारतूस व अन्य सामान बरामद
उक्त युवक ने जब नाका देखा तो उसने अपना रास्ता बदल भागने का प्रयास किया। नाका पार्टी ने उसका पीछा किया और उसे पकड़ लिया। उसके पास से एक पिस्तौल, एक मैगजीन,आठ कारतूस व अन्य साजो सामान मिला। पकड़े गए आतंकी की पहचान शफायत जुबैर रेशी के रूप में हुई है। वह नेसबल सुंबल का रहने वाला है। उसे उसी समय निकटवर्ती पुलिस स्टेशन ले जाया गाया। जहां उसने पूछताछ में बताया कि वह पजलपोरा में रहने वाली मुनीरा बेगम से मिलने जा रहा था।
आतंकी मुश्ताक अहमद मीर के इशारों पर किया काम
मुनीरा बेगम के पास हथियारों का एक बड़ा जखीरा आया हुआ है और उसे वह प्राप्त कर आतंकियों तक पहुंचाएगा। उसने बताया कि उसे यह काम पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकी मुश्ताक अहमद मीर ने सौंपा है।शफायत जुबैर मीर आतंकी बनने से पहले एक कुख्यात पत्थरबाज और आतंकियों का ओवरग्राउंड वर्कर था।
वह वर्ष 2009 में सुंबल में एक सैन्य वाहन को जलाने की घटना में भी लिप्त था। इस मामले में वह जमानत पर रिहा हो गया था। वहीं, मुनीरा बेगम आतंकी युसुफ चौपान की पत्नी है।
बड़ी आतंकी घटनाओं को मुश्ताक अहमद ने दिया अंजाम
युसुफ चौपान कुछ वर्ष पहले सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। वह अपने समय में जिला बांदीपुरा में सक्रिय खूंखार आतंकियों में एक था। मुश्ताक अहमद मीर सुरक्षाबलों से बचने के लिए 1999 में पाकिस्तान भाग गया था और वह वहीं से कश्मीर में सक्रिय अपने नेटवर्क के जरिए आतंकी गतिविधियों काे चला रहा है।
मुश्ताक मीर वर्ष 2000 में श्रीनगर के कोठीबाग में पुलिस स्टेशन के पास हुए आइईडी धमाके में भी पुलिस की लिस्ट में शामिल है। इस धमाके में 12 पुलिसकर्मी बलिदानी हुए थे और दो अन्य नागरिक मारे गए थे।
मुनीरा बेग से मिला हथियारों का जखीरा
मुश्ताक मीर पहले हिजबुल मुजाहिदीन में था,लेकिन बाद में वह अल-बदर का हिस्सा बन गया था। शफायत से मिली जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने महिला पुलिस की मदद से मुनीरा बेग को गिरफ्तार किया। मुनीरा की निशानेदही के आधार पर उसके घर से कुछ ही दूरी पर स्थित जंगल में से एक क्रेनकोव एसाल्ट राइफल, तीन मैगजीन, 90 कारतूस, एक पेन पिस्तौल पकड़ा गया। उसने बताया कि यह सामान शफायत को सौंपा जाना था।
आतंकियों के लिए पाकिस्तान से आए थे लाखों पैसे
पूछताछ में मुनीरा ने बताया कि वह भी पाकिस्तान के रास्ते दो बार गुलाम जम्मू कश्मीर जा चुकी है। शफायत ने बताया कि अगर वह नहीं पकड़ा जाता तो उसे एक व्यक्ति विशेष से 47 लाख रूपये भी लेने थे। यह पैसा बांदीपुरा में सक्रिय कुछ आतंकियों और आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों तक पहुंचाया जाना था।
सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान जारी
इन लोगों के बारे में मुश्ताक अहमद मीर ने सूचित करना था। संबधित अधिकारियों ने बताया कि शफायत और मुनीरा बेगम से पूछताछ जारी है। उनसे मिले सुरागों के आधार पर बांदीपुरा में सक्रिय आतंकी नेटवर्क और उससे जुढ़े तत्वों को चिह्नित किया जा रहा है।
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