लखनऊ, प्रदेश के 378 और गांवों में चकबंदी होगी। शासन ने बीते दिनों इन गांवों में चकबंदी कराने के प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया है। चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि इनमें से चार गांवों में चकबंदी से जुड़े एक प्रस्ताव को शासन की स्वीकृति मिलने के बाद इन चारों गांवों में चकबंदी कराने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
वहीं 378 गांवों में चकबंदी कराने की अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई में 137 गांवों में चकबंदी की अधिसूचना जारी की गई थी। चकबंदी आयुक्त ने बताया कि किसानों के हित में चकबंदी कार्यों को गति प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लाक चेन, ड्रोन व रोवर सर्वे आधारित चकबंदी कराया जाना प्रस्तावित है।
इससे चकबंदी कार्य पारदर्शिता के साथ त्रुटिरहित रूप से कराया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में चकबंदी अधिनियम के तहत 148 गांवों में नये चकों पर चकदारों को कब्जा दिलाया गया। इनके अलावा 24 गांवों की चकबंदी क्रिया पूरी करते हुए इसी माह विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है।
पूर्व में 29 जिलों के 137 गांवों के लिए जारी हुआ था आदेश
बता दें कि पूर्व में प्रदेश के 29 जिलों के 137 गांवों में चकबंदी का आदेश जारी हुआ था। इनमें से 15 जिलों के 51 गांवों में पहले और 20 जिलों के 86 गांवों में दूसरे चक्र की चकबंदी की अधिसूचना जारी की गई थी। इन गांवों में चकबंदी प्रक्रिया संपन्न कराने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से मंजूरी मिलने के बाद राजस्व विभाग की ओर से इस बारे में शासनादेश भी जारी कर दिया गया थ।
उप्र जोत चकबंदी अधिनियम, 1953 के तहत पुराने गांवों में तो चकबंदी प्रक्रिया जारी है लेकिन नए गांवों में पुन: चकबंदी कराने के लिए लगातार मांग उठती रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने गांवों में पुन: चकबंदी कराने के लिए सभी तथ्यों की जांच करा कर इस बाबत नए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था।
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