ऋषिकेश,(Amit kumar): परमार्थ निकेतन में ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण का परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष एवं ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस के सह-सस्थापक पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर श्री रवि खेमू, श्रीमती ज्योति खेमू, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, डायरेक्टर ऑफ प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन एंड कम्युनिकेशन सुश्री गंगा नन्दिनी, समुदाय के पीयर्स एजूकेटर्स और फेसिलिटेटर्स ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया।
जीवन कौशल प्रशिक्षण के दूसरे चरण में व्यक्तिगत और अपने समुदाय के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं साथ ही समुदाय और परिवार को स्वस्थ रखने के लिये कार्ययोजना भी बनायी जा रही है।
जीवा के फैसिलिटेटर्स द्वारा प्रयासअपना पाठ्यक्रम मैनुअल के माध्यम से व्यक्तिगत और समुदाय स्तर पर स्वस्थ आदतों को विकसित करने के साथ ही सभी को स्वास्थ्य शपथ भी दिलायी गयी। फैसिलिटेटर्स द्वारा सफलता की कहानियां केस स्टडीज, फील्ड की कहानियाँ एवं अन्य इंपैक्ट टूल्स के माध्यम टीन क्लब स्टेटस शीट बनाकर व्यक्तिगत, सामाजिक और सामुदायिक कार्रवाई के माध्यम से गांव और समुदाय को स्वस्थ बनाने हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि युवा स्वस्थ तो देश स्वस्थ इसलिये आप सब स्वस्थ रहें, अपने समुदाय को स्वस्थ रखने के लिये प्रयत्न करें। आगे बढ़ें, अपने आप पर गर्व करें और देश की उन्नति में योगदान प्रदान करें। हिम्मत के साथ आगे बढ़ें और सोचे की मुझे कुछ करना हैं और फिर प्रयत्न करना शुरू करें। मेहनत और हिम्मत से कचरे को भी कंचन बनाया जा सकता है और कुछ नहीं से सब कुछ की ओर बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी को गिराये नहीं, सहयोग प्रदान करें। मैं खड़ा हूँ की भावना के साथ दूसरों को भी आगे बढ़ाने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ायें इससे हम बाहर और भीतर दोनों ओर से खूबसूरत बन सकते हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि स्वयं के साथ दूसरों का ध्यान रखना सबसे बड़ी सेवा है। हम शान्ति, स्वास्थ्य, एकता और प्रसन्नता के राजदूत बनें और इसके लिये पहले हमें अपने आप को जानना होगा। हम मिट्टी की तरह बनें जो सबको आधार प्रदान करती हैं, सब की जड़ों को मजबूत करती है और सभी को विकसित करने का एक वातावरण प्रदान करती है, उसी तरह हम सब को बनना है।
जीवा के फैसिलिटेटर द्वारा ‘गांव के स्वास्थ्य का सपना’ लेकर स्वयं को और अपने समुदाय को स्वस्थ रखने के लिये काले की ढ़ाल, चन्दे्रश्वर नगर, मायाकुण्ड और वाल्मिकी बस्ती के पीयर एजूकेटर्स को प्रशिक्षित किया गया।
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