window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); उत्तराखण्ड में हिमाचल की तर्ज पर लागू हो सख्त भू-कानूनः अविनाश मणि  | T-Bharat
November 18, 2024

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उत्तराखण्ड में हिमाचल की तर्ज पर लागू हो सख्त भू-कानूनः अविनाश मणि 

उत्तराखण्ड में हिमाचल की तर्ज पर लागू हो सख्त भू-कानूनः अविनाश मणि 

उत्तराखण्ड में हिमाचल की तर्ज पर लागू हो सख्त भू-कानूनः अविनाश मणि 

देहरादून:  उत्तराखण्ड प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अविनाश मणि ने कहा की प्रदेश युवा कांग्रेस हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखण्ड में भी सख्त भू-कानून की मांग करती है। उन्होनें कहा की किस तरह से कोई भू-कानून न होने की वजह से उनकी जमीनों पर बाहरी राज्यों के लोग कब्जा कर रहे हैं। किस तरह से पलायन का दंश झेल रहा उत्तराखंड अपनी ही जमीनों पर अपने सामने दूसरे राज्य के लोगों को फलते-फूलते देख रहा है। उन्हांेने कहा भू-कानून में छेड़छाड़ से माफियाराज बढ़ा है, इस कानून को तत्काल बदला जाना चाहिए। भू कानून उत्तराखण्ड की अस्मिता से भी जुड़ा हुआ है जिस तरह से कोई भू कानून ना होनें की वजह से उत्तराखण्ड के स्थानिय निवासियों की जमीनों पर बाहरी राज्यों के लोग कब्जा कर रहे हैं और उत्तराखण्ड पलायन का दंष झेल रहा है उत्तराखण्ड के स्थानिय निवासी अपनी ही जमीनों पर दूसरे राज्यों के लोगों को फलते फूलते देख रहे हैं वहीं पडोसी पर्वतीय राज्यों हिमांचल में भू कानून होनें की वजह से वहां के निवासी और राज्य दोनेंा ही प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हैं।
उन्होनें कहा एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखण्ड राज्य बननें के पश्चात साल 2002 तक अन्य राज्यों के लोग उत्तराखण्ड में सिर्फ 500 वर्गमीटर तक ही जमीन खरीद सकते थे, परंतु भारतीय जनता पार्टी सरकार के द्वारा एक अध्यादेष लाया गया जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेष जमिदारी विनाष एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 में संसोधन कर विधेयक पारित किया गया और इसमें धारा 143 (क) धारा 154 (2) जोड़ी गयी जिसके द्वारा पहाड़ों में भूमि खरिद की अधिकतम सीमा को भी समाप्त कर दिया गया। जिसके परिणाम स्वरूप उत्तराखण्ड राज्य के लगभग 12 फिसदी किसान परिवारों के कब्जे में राज्य की आधी कृषिभूमि है और बाकि बचे 88 प्रतिषत कृशक आबादी भूमिहिन की श्रेणी में पहुंच चुकि है। उन्हांेने कहा भारतीय जनता पार्टी सरकार के द्वारा भूमि कानून को इतना लचीला बना दिया गया जिससे उत्तराखण्ड के निवासियों का सामाजिक जीवन पतन के आगे अग्रसर हो गया है, अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार एसे ही उत्तराखण्ड निवासियों के हकों की अनदेखी करती रही तो एक समय ये भी आयेगा की उत्त्राखण्ड के शत प्रतिशत कीसान भूमिहिन हो जायेंगे।
उन्होनें कहा की 2018 में जो कानून लागू किए गए वह पूरी तरह गलत है। इसी कानून के बहाने प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान फिर से भू-कानून का मुद्दा उठा है। यह सिर्फ चुनावी जुमला नहीं होना चाहिए। पर्वतीय क्षेत्र में जमीन खरीदने पर बाहरी राज्यों के लोगों को छूट दिया जाना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी समय समय पर सषक्त उत्तराखण्ड में भू कानून की लड़ाई लड़ रही है और एक सशक्त भू कानून बनानें की मांग कर रही है। उन्हांेने कहा की प्रदेष युवा कांग्रेस एक सषक्त भू कानून की मांग करती है जिससे उत्तराखण्ड निवासियों के हितों का हनन ना हो सके तथा उत्तराखण्ड की अस्मिता कि सुरक्षा बाहरी व्यक्तियों से बचाई जा सके।
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