नई टिहरी: जिले के विभिन्न ब्लाकों में बीती 1 जुलाई से 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत प्रधानों ने एकजुट होकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मांगों के त्वरित निस्तारण न किये जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। भारी बारिश के बीच विभिन्न ब्लाकों से जुटे प्रधानों ने जिला मुख्यालय पर 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। सरकार पर मांगों की अनदेखी का आरोप लगाते हुये नारेबाजी की।
डीएम के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित कर मांगों के त्वरित निस्तारण की मांग की है। वक्ताओं के तौर पर प्रधानों की मांगों को नहीं मानती है तो वे देहरादून में उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। कहा कि ग्राम प्रधानों की मांगे ग्रामवासियों के हित में है। जैसे मनरेगा में प्रति जॉब कार्ड श्रमिक दिवस 100 से बढ़ाकर 200 कर दिया जाए। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी ₹204 से ₹350 प्रतिदिन की जाए। ग्राम वासियों को रोजगार देकर आर्थिक स्थिति मजबूत की जाए। ग्राम प्रधानों का मानदेय ₹10 हजार रूपये प्रतिमाह किया जाए। सीएससी सेंटर को न्याय पंचायत के बजाय ग्राम पंचायत स्तर पर खोला जाए, ताकि गांव के ही किसी व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध हो सके।
इसलिए सरकार को जनहित में अति शीघ्र इन मांगों का निराकरण करना चाहिए। प्रधानों ने कहा कि उन्हें लगभग 2 वर्षों से मांगों को लेकर कोरे आश्वासन दिए जा रहे हैं। मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। प्रदर्शन करने वाले प्रधानों में प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा, सुंदर सिंह रावत, शैला नेगी, अरविंद, धन सिंह सजवाण, राम लाल गैरोला, सूरज चंद रमोला, सपना रावत, उषा, नरेंद्र, राजवीर, श्रीपाल रावत, परमानंद, राजेश, दिनेश जोशी, मुनी, दीपिका, शंकुतला, दीवान पडियार, सुरेश राणा, मोहन डोभाल, वीरेंद्र अग्निहोत्री, बीना नेगी, विजयलक्ष्मी खंडूरी, विकास जोशी, विनोद भट्ट, महावीर सेनवाल, जगमोहन चौहान, जयपाल चौहान, सुभाषदास सैलवान, मुकेश दास आदि शामिल रहे।
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