हरिद्वार,(Amit kumar): भेल की खाली पड़ी भूमि पर लोगो द्वारा कब्जे की बात तो सुनी थी।पर किसी धर्मस्थल द्वारा भेल की भूमि कब्जाने का यह पहला मामला सामने आया है।महीनों से भेल की भूमि पर तारबाड़ लगा कर भूमि कब्जाने का कार्य किया जा रहा था ।पर भेल के किसी भी अधिकारी और श्रमिक यूनियन ने कोई ऐतराज तक नहीं उठाया।जबकि भेल प्रबंधिका के पास सम्पदा विभाग की भरी भरकम फौज है जिसका काम अवैध कब्जो को रोकने का है।और यदि कोई कब्जा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर खाली भी कराने की जिम्मेदारी है।इस मामले में नगर प्रशासक की ढील के क्या मायने निकाले जाएं।
वहीं इसी बीच नगर प्रशासक का स्थानांतरण भी नागपुर हो गया है।गौरतलब है कि भेल प्रबंधिका ने सभी धर्मो के लिए मंदिर ,मस्जिद गुरुद्वारा ,चर्च आर्यसमाज, जैन ,वाल्मीकि समुदाय के लोगो को भी धर्मस्थल के लिए भूमि आवंटित की हुई है।उस पर धर्मस्थलों का निर्माण भी किया हुआ है।लेकिन यह पहला मौका है जब किसी धर्म स्थल की चार दीवार बनने के बावजूद तारबाड़ लगा कर अलग से भूमि कब्जाई गई है।और उत्तर दिशा में भी एक बड़ा दरवाजा भी खोल लिया है। जो कि पूरी तरह गलत और गैर कानूनी है।
आपको बताते चले कि कुछ माह पूर्व एक धर्मस्थल ने भी मुख्य द्वार के अलावा पूरब दिशा में दरवाजा खोल दिया था जिसे प्रशासक ने मामला संज्ञान में आते ही बंद करवा दिया था।पर मजे की बात तो यह है महीनों से भूमि कब्जाने की प्रक्रिया चल रही है पर नगर प्रशासक मूक क्यों बने बैठे रहे ?, वैसे तो भेल के सम्पदा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से भेल की भूमि पर कब्जे होते रहे है।जिसमें भभूता वाला बाग,बेरियर नंबर एक टीबडी ,बेरियर नंबर 6, धीर वाली आदि क्षेत्र में भेल की भूमि पर अवैध कब्जों के अनेकों मामले है।
इसके अलावा जिस धर्मस्थल ने अभी हाल में भूमि कब्जाई है उसके एक भाग में स्कूल चलता है।जिसने एक हाल बना कर उसे विवाह ,पार्टियों के लिए किराए पर भी देना शुरू कर दिया है। अब भेल की भूमि कब्जाने के पीछे क्या मनसा है यह समझ से परे है।जब इस बाबत भेल के कार्यवाहक नगर प्रशासक ए जी एम मानव संसाधन से बात करने का प्रयास किया तो घंटों फोन के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया।लेकिन सूत्रों की माने तो मामला उनके संज्ञान में है।फिर भी वह धर्मस्थल के लोगो को कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है।क्यों कि उस धर्म स्थल का प्रधान भेल के ई डी ऑफिस में अभियंता के पद पर तैनात है।सभी को डर सता रहा है कि कहीं बड़े साहब नाराज ना हो जाए।
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