window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); डिजिटल शिक्षा’ शिक्षा का अति महत्वपूर्ण माध्यमः सीमा जौनसारी | T-Bharat
November 19, 2024

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डिजिटल शिक्षा’ शिक्षा का अति महत्वपूर्ण माध्यमः सीमा जौनसारी

देहरादून:  कोविड महामारी के बीच ऑनलाइन शिक्षा अब एक सामान्य रूप ले चुकी है। वहीं उत्तराखंड के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित वर्चुअल समीक्षा बैठक में प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी शामिल हुए। वर्चुअल मीटिंग को वैल्यूएबल ग्रुप की वी-सैट आधारित इंटरएक्टिव तकनीक के माध्यम से संभव हुआ। इस वर्चुअल बैठक की सभी तारीफ कर रहे हैं। शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए उत्तराखंड के स्कूली शिक्षा के शैक्षणिक कार्यों की वर्चुअल समीक्षा बैठक हुई ।
पहली बैठक में 13 जिलों के 95 प्रखंडों के प्रधानाचार्य, खंड शिक्षा अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी समेत कुल 289 उपस्थित हुए। वर्चुअल मीटिंग 2 जुलाई, 2021 को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, उत्तराखंड, देहरादून में हुई। यहाँ स्थित स्टूडियो से सीमा जौनसारी, निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) उत्तराखंड सरकार, भारत की उपस्थिति में यह बैठक आयोजित की गयी थी।
आयोजन का उद्देश्य आगामी शैक्षणिक सत्र की शिक्षा में नई रणनीतियों और योजनाओं पर चर्चा करना था।  अजय नौडियाल अतिरिक्त निदेशक एससीईआरटी, कुलदीप गैरोला – संयुक्त निदेशक एससीईआरटी, मोहन सिंह बिष्ट – उप निदेशक, सिमैट, के. एन. बिजलवान – प्रशिक्षण समन्वयक, एससीईआरटी और अन्य विभागीय अधिकारी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस बैठक में पीएम ई-विद्या चैनल और मिशन कोशिश, प्रवेश योजना और रणनीतियों का सर्वोत्तम उपयोग कैसे कर सकते हैं,  विषम पर भी विचार-विमर्श किया गया।
इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि अधिक-से-अधिक छात्र लाभान्वित हो सकें। इसी के साथ  शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन शिविरों में ऑनलाइन शिक्षण की भी समीक्षा  की।  सीईओ, बीईओ, प्राचार्यों ने 13 जिलों के प्रखंडों में अपने स्कूलों की स्थिति के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान किया। इस वर्चुअल रिव्यू मीटिंग के अवसर पर सीमा जौनसारी का कहना था  कि कोविड महामारी के दौरान डिजिटल शिक्षा शिक्षा का महत्वपूर्ण माध्यम है।  “ वर्चुअल टेक्नोलॉजी  के माध्यम से महामारी के दौरान हमने 90,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है और  माता-पिता के साथ बातचीत भी की है।
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