देहरादून: बॉलीवुड के चर्चित वरिष्ठ फिल्म प्रचारक बी के वर्मा का निधन बीते मंगलवार को हो गया। 80 वर्षीय बी के वर्मा ने बतौर स्टिल फोटोग्राफर अपना फिल्मी कैरियर 60 के दशक में शुरू किया था। बाद में फिल्म पत्रकारध्प्रचारक और कार्यकारी फिल्म निर्माता के रूप में फिल्म जगत में अपनी विशिष्ट छवि कायम करने में कामयाब रहे। 2019 के अक्टूबर माह में बी के वर्मा गंभीर रूप से बीमार पड़े और तब से बीते मंगलवार की रात तक जुहू स्थित आवासीय फ्लैट श्गुलशनश् से नानावटी हॉस्पिटल का सफर तय करते हुए जिन्दगी और मौत से एक साथ जंग लड़ते रहे। देव आनंद, दारा सिंह और संजय खान की फिल्मों के पसंदीदा पीआरओ के रूप में वो जाने जाते थे। उनके पीआरशिप में निर्मित फिल्मों में नानक दुखिया सब संसार (1970), श्मेरा देश मेरा धर्म (1973), भगत धन्ना जाट (1974), श्सवा लाख से एक लड़ाऊंश्(1976), चांदी सोना (1977), श्ध्यानु भगतश्(1978), भक्ति में शक्ति (1978), अब्दुल्ला (1980), रुस्तम (1982), काला धंधा गोर लोग (1986), और करण (19494) के नाम उल्लेखनीय हैं। बतौर पीआरओ उन्हें झारखंड की धरती से जुड़ी फिल्म अग्निकुंड (परिवर्तित टाइटल-अग्निमार्ग) के लिए निर्माता निर्देशक रवि कौशल ने अनुबंधित किया था।
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