window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); उत्तरखण्ड पर्यटन विकास परिषद व जिला प्रशासन के आला अधिकारी ने किया अगोड़ा गांव का स्थलीय निरीक्षण | T-Bharat
November 19, 2024

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उत्तरखण्ड पर्यटन विकास परिषद व जिला प्रशासन के आला अधिकारी ने किया अगोड़ा गांव का स्थलीय निरीक्षण

उत्तरखण्ड

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देहरादून: कोरोना काल के चलते बीते एक साल से नुकसान झेल रहे उत्तराखंड पर्यटन उद्योग को उभारने व घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तरखण्ड पर्यटन विकास परिषद ने कवायद शुरू कर दी है। सोमवार को यूटीडीबी व उत्तरकाशी जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने उत्तरकाशी के अगोड़ा गांव में बनाए जाने वाले मॉडल सामुदायिक केंद्र का स्थलीय निरीक्षण कर भूमि चिन्हित की। मॉडल सामुदायिक केंद्र प्रदेश के गांवों को पर्यटन से जोड़ने के साथ ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कोरोना के कम होते प्रकोप के बीच उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के दिशानिर्देशों में ट्रेकिंग ट्रक्शन होम स्टे योजना के तहत टीम का गठन किया था। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विन पुंडीर के नेतृत्व में गठित टीम ने अगोड़ा गांव में बनाए जाने वाले मॉडल सामुदायिक केंद्र का स्थलीय निरीक्षण किया। अपर मुख्य कार्यकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विन पुंडीर ने बताया कि मॉडल सामुदायिक केंद्र के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है। उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को सामुदायिक केंद्र में स्वास्थ्य जांच, खोज व बचाव की सुविधा के साथ ट्रेकिंग के लिए प्रयोग होने वाले उपकरणों को रखने के लिए कक्ष और सूचना केंद्र की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग (नीम) की ओर से लॉ एल्टीट्यूड ट्रेकिंग के लिए युवाओं को सात दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जबकि जल्द ही ऋषिकेश में भी युवाओं को जलक्रीड़ा का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उत्तरखण्ड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक अवस्थापना ले.क. दीपक खण्डूड़ी ने कहा कि मौके पर भूमि का चिन्हिकरण कर मॉडल सामुदायिक केंद्र का जल्द निर्माण करने के निर्देश दिए गए। बताया कि केंद्र का पहाड़ी शैली में निर्माण किया जाएगा। जो लोक कलाओं को संरक्षण देने के साथ ही पहाड़ की शिल्प कला को भी पुनर्जीवित करेगा। इसके साथ ही गांव में मौजूद छोटे-छोटे दर्शनीय स्थलों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। इन्हें विकसित करने का पूरा रोडमैप तैयार किया जाएगा। इस कवायद का मकसद प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के विकास के साथ पर्यटन गतिविधियों के जरिए आसपास के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना है।
जिला पर्यटन अधिकारी उत्तरकाशी प्रकाश सिंह खत्री ने बताया कि मॉडल सामुदायिक केंद्र के निर्माण के लिए अभी तक कुल 17 आवेदन मिले थे। जिनमें से कुछ का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, जबकि कुछ का निर्माण कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में पंडित दीन दयाल गृह आवास होमस्टे योजना के तहत अभी तक 28 होमस्टे बनाए गए हैं तथा आठ ट्रेकिंग एजेंसी पंजीकृत की गई हैं। वहीं स्थानीय निवासी दीपक पंवार ने बताया कि बर्ड वाचिंग व ट्रेकिंग के लिए अगोड़ा गांव पसंदीदा स्थल बन रहा है। यहां पक्षियों की कई प्रजातियों का अध्ययन किया जा सकता है। इस दौरान उत्तरकाशी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, समेत गढ़वाल मंडल विकास प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद रहे।

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