हरिद्वार,(Amit Kumar): एस.एम.जे.एन. कॉलेज में आज 7वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि योग कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी सहित विभिन्न बीमारियों से लड़ने में कारगर है और इसकी वैज्ञानिक पुष्टि भी होती है। योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है, यह मस्तिष्क और शरीर की एकता का प्रतीक है। आज योग को पूरे विश्व में असाध्य रोगों से निपटने के लिये अपनाया जा रहा है, हम जैसे-जैसे अपनी संस्कृति से दुनिया को अवगत करायेंगे, महाशक्ति के रूप में उभरते जायेंगे। उन्होंने बताया कि हार्टअटैक, मधुमेह, श्वास , ब्लडप्रेशर जैसी गम्भीर बीमारियों में दवा के साथ-साथ योग का भी अभ्यास करा जाये तो बेहद सकारात्मक नतीजे सामने आयेंगे। उन्होंने कहा कि योग के आठ अंग यम, नियम, प्राणायाम, आसन, ध्यान, धारणा, प्रत्याहार एवं समाधि के अन्तर्गत सम्पूर्ण जीवन का सार एवं जीवनशैली को प्रतिबिम्बित करता है। डॉ. बत्रा ने बताया कि योग मानवीय कौशल विकास का योग साधना एक अनुपम उदाहरण है।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी ने योग को साधना का माध्यम बताते हुए कहा कि योग भारत में हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता व संस्कृति है। उन्होंने कहा कि योग द्वारा अनेक प्रकार की असाध्य रोगों का निदान सम्भव है। योग साधना में पारंगत छात्र-छात्रायें इसे रोजगार आजीविका साधन के रूप में अपना सकते हैं।
मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. सरस्वती पाठक ने 7वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। तीनों के स्वस्थ रहने से आप स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं।
वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. मन मोहन गुप्ता ने उपस्थित सभी प्राध्यापकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को योग करने का आह्वान करते हुए कहा कि आज दुनिया के प्रत्येक हिस्से में योग किया जाता है, योग के जरिये न सिर्फ दुनिया प्रकृति के करीब आयी है अपितु अनेक प्रकार के असाध्य रोगों का निदान भी योग के माध्यम से ढूंढा जा रहा है।
इस अवसर डॉ. जे.सी. आर्य, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, डॉ. लता शर्मा, मोहनचन्द पाण्डेय, श्रीमती हेमवंती, अश्वनी कुमार जगता, आदि उपस्थित थे।
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