Haridwar,(Amit Kumar):‘योग, आयुर्वेद एवं अध्यात्म से आरोग्य’ विषय पर आयोजित योग सप्ताह के समापन दिवस पर गणमान्य वक्ताओं के प्रबोधन के साथ ही पतंजलि विश्वविद्यालय के संरक्षक एवं कुलाधिपति योगऋषि स्वामी रामदेव जी का मार्गदर्शन एवं आशीर्वचन भी प्राप्त हुआ। परिचर्चा का प्रारम्भ संस्कृत विभाग की सहायक प्राध्यापिका डाॅ. उर्मिला जी के व्याख्यान से हुआ जिसमें उन्होंने कर्म एवं ईश्वर की अवधारणा को समझाते हुए ईश्वर प्रणिधान पर प्रकाश डाला।
वैदिक स्वस्ति पंथ न्यास के अध्यक्ष श्रेष्ठ विद्वान् आचार्य अग्निव्रत जी ने ‘वैदिक विज्ञान-सम्पूर्ण समाधान’ विषय पर सारगर्भित व्याख्यान देकर प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने धन-सम्पत्ति-पद-प्रतिष्ठा अर्जन के साथ-ही वैदिक ज्ञान-विज्ञान से भी सम्पन्न बनने हेतु युवाओं को प्रेरित किया। इसी क्रम में पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष प्रो. पी.एल. गौतम जी ने स्वस्थ्य जीवनचर्या विषय पर अपने अनुभवजन्य विचार प्रस्तुत किये।
विश्व के करोड़ों लोगों को योग के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा व संस्कार प्रदान करने वाले परम तपस्वी पूज्य स्वामी रामदेव जी ने पावन उद्बोधन देते हुए कहा कि योग हमारा आत्म-अनुशासन है, आत्मबोध, आत्मप्रेरणा, आत्मअभिव्यक्ति है। योग को व्यापकता व समग्रता में जीने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने प्रतिभागियों से विवेकपूर्वक तथा कुशलतापूर्वक कर्म करने का मार्गदर्शन प्रदान किया। पतंजलि योगपीठ के विभिन्न प्रकल्पों को योग की अभिव्यक्ति बताते हुए स्वामी जी ने युवाओं को यशस्वी एवं पुरुषार्थी बनने की शुभकामनाएँ भी दी।
भारत स्वाभिमान के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी श्री राकेश जी ने दैनिक जीवन में घरेलू औषधियों के प्रयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि योग का अनुप्रयोग ही हमें सम्पूर्ण स्वास्थ्य दे सकता है। परिचर्चा के अन्तिम सत्र को विश्व वेद परिसर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. धर्मेन्द शास्त्री जी ने सम्बोधित करते हुए वेदों में योग विद्या पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संगोष्ठी के समापन दिवस का संचालन डाॅ. नरेन्द्र जी ने किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के संयोजक स्वामी परमार्थदेव जी ने सभी विद्वान् वक्ताओं एवं देश-विदेश से ऑन-लाइन माध्यम से जुड़े हुए प्रतिभागियों का अन्तःकरण की अतल गहराईयों से आभार प्रकट किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका पूज्या साध्वी देवप्रिया जी, संकायाध्यक्ष डाॅ. कटियार जी, परीक्षा नियन्त्रक श्री पाण्डेय जी सहित आयोजन समिति के विभिन्न सदस्य भी उपस्थित रहे।
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