window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); कोविड-19 से रिकवरी के बाद दिल के मरीजों को पूरा कार्डियक चेक-अप करवाना चाहिएः डा. योगेंद्र T-Bharat
November 18, 2024

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कोविड-19 से रिकवरी के बाद दिल के मरीजों को पूरा कार्डियक चेक-अप करवाना चाहिएः डा. योगेंद्र

कोविड-19 से रिकवरी के बाद दिल के मरीजों को पूरा कार्डियक चेक-अप करवाना चाहिएः डा. योगेंद्र

कोविड-19 से रिकवरी के बाद दिल के मरीजों को पूरा कार्डियक चेक-अप करवाना चाहिएः डा. योगेंद्र

देहरादून:  कोविद-19 की दूसरी लहर ने देशभर में तहलका मजा दिया है, जिसकी वजह से जनता में एक अनोखा स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया। जबकि लाखों लोग कोविद-19 से ठीक हो रहे हैं, लेकिन उनमें से दिल के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। डॉ योगेंद्र सिंह, एसोसिएट डायरेक्टर- इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देहरादून, ने पॉजिटिव पाए गए सभी दिल के मरीजों को ठीक होने के बाद हार्ट चेकअप या वायरस के कारण होने वाले किसी भी दुष्प्रभाव का इलाज करवाने के लिए खासतौर से कहा है।

गंभीर मामलों में या डायग्नोसिस में देरी होने पर, कोविद-19 से खराब हुए हृदय के स्वास्थ्य के कारण भविष्य में हार्ट फेलियर हो सकता है। दिल के मरीजों पर कोवदि-19 के प्रभाव पर बताते हुए, डॉ योगेंद्र सिंह कहते हैं, ‘‘हृदय रोगी महामारी में सबसे कमजोर रोगी समूहों में से हैं। जिन रोगियों का टेस्ट पॉजिटिव आया है, उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि कोविद-19 के हृदय रोगियों या हृदय रोग वाले व्यक्तियों में गंभीर लक्षण देखे गए हैं और उसके परिणाम और भी बुरे हैं।

उन्हें किसी भी घातक दुष्प्रभाव या स्थिति का समय पर इलाज सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण इमेजिंग टेस्ट और चेक-अप करवाना होगा, जो कोरोनावायरस संक्रमण के कारण उनके शरीर या हार्ट में बहुत बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं। एशिया, यूरोप और अमेरिका में अस्पताल में भर्ती हुए गए कोविद-19 रोगियों से जुड़े एक प्रमुख अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि दिल की बीमारी के साथ होने वाली बीमारियां या पहले से मौजूद जोखिम वाले कारकों में हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है।

इसलिए हार्ट फेलियर या अचानक कार्डियक अरेस्ट जैसी घातक घटनाओं से निपटने में मदद करने के लिए कोविद-19 से रिकवरी के बाद डायग्नोसिस करवाना बेहद जरूरी है।’’ हार्ट फेलियर शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त ब्लड को पंप करने में हृदय की अक्षमता को दर्शाता है और इसे अक्सर लोगों द्वारा गलत समझा जाता है। यह अचानक नहीं होता है बल्कि गलतफहमी पैदा करने वाले नाम वाली एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है। हार्ट फेलियर में हार्ट अचानक काम करना बंद नहीं करता है।

इसके बजाय, हार्ट फेलियर धीरे-धीरे विकसित होता है क्योंकि समय के साथ हृदय की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होती जाती हैं। यह देखा गया है कि कोवदि-19 इंफेक्शन से शरीर में गंभीर सूजन हो सकती है जो हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर सकती है और हृदय गति को असामान्य कर सकती है (एरिथमिया), जो हार्ट फेलियर के विकास के लिए कुछ उच्च जोखिम वाले कारक हैं। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है। एडवांस मेडिकल तकनीकों और मेडिकल साइंस ने हार्ट फेलियर के जोखिम वाले रोगियों के लिए बेहतर हृदय देखभाल और उपचार को सक्षम किया है।

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