window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); वर्ष 2020 मेें आई.पी.सी. के गंभीर अपराधों के 18 मुकदमों में सजा, 66 में रिहाई | T-Bharat
November 18, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

वर्ष 2020 मेें आई.पी.सी. के गंभीर अपराधों के 18 मुकदमों में सजा, 66 में रिहाई

वर्ष 2020 मेें आई.पी.सी. के गंभीर अपराधों के 18 मुकदमों में सजा, 66 में रिहाई

वर्ष 2020 मेें आई.पी.सी. के गंभीर अपराधों के 18 मुकदमों में सजा, 66 में रिहाई

रुद्रपुर: 2020 में कोरोना काल में भले ही अदालतें सुचारू रूप से नहीं चल पायी हो लेकिन इस अवधि में भी उधमसिंह नगर के न्यायालयों ने कुल 5176 मुकदमोें का फैसला किया हैै तथा भारतीय दंड संहिता के गंभीर अपराधों (सत्र न्यायालय) वाले मुकदमोें में 21 प्रतिशत 18 मुकदमों में सजायेें हुई हैै जबकि 66 मुकदमोें में रिहाई हुई हैै। काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने अभियोजन निदेशालय से वर्ष 2020 में मुकदमों में सजा व रिहाई सम्बन्धी विवरणों की सूचना मांगी थी। जिसके उत्तर में संयुक्त निदेशक अभियोजन कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने अपने पत्रांक 269 दिनांक 22 अप्रैल 2021 से सम्बन्धित विवरण की फोटोे प्रतियां उपलब्ध करायी गयी है।
श्री नदीम कोे उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2020 में भारतीय दंड संहिता के सत्र न्यायालय में विचारण योग्य गंभीर मुकदमोें (हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार आदि) के 87 मुकदमें निर्णीत हुये जिसमें 18 मुकदमों में सजा हुई है जबकि 66 मुकदमों में रिहाई हुई  हैै अर्थात अभियोजन व पुलिस अपराध के साबित करनेे में सफल नहीं हुये हैैं। इस अवधि में 3 ऐसे मुकदमें क्वैश/दाखिल दफ्तर भी हुये हैै। सजा का प्रतिशत 21 प्रतिशत है। अन्य अधिनियमोें के अन्तर्गत सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय गंभीर मुकदमोें में सजा 3का प्रतिशत 70 है। 2020 में ऐसे 145 मुकदमें निर्णीत हुये है जिसमें 98 मुकदमोें में सजा हुई हैै तथा 43 मुकदमोें में अपराध साबित नहीं हुये है व रिहाई हुई है। ऐसे 4 मामले दाखिल दफ्तर/क्वैैश हुये हैै।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2020 में अधीनस्थ न्यायालयोें (मजिस्ट्रेटोें आदि के न्यायालयोें) में भारतीय दंड संहिता केे अपराधों केे 194 मामलों में सजा हुई है जबकि 99 मामलोें में रिहाई हुई है। इस अवधि में 148 मुकदमों में राजीनामा हुआ है तथा 04 मुकदमें शासन द्वारा वापस भी हुये है। अन्य अधिनियम के अन्तर्गत अधीनस्थ न्यायालयोें द्वारा विचारणीय मुकदमोें में 4214 मामलों में सजा हुई है जबकि 73 मामलोें में रिहाई हुई हैैं। सजा वाले मामलों में मोटर वाहन अधिनियम सहित अन्य अधिनियम के चालान व जुर्माने के मामले भी शामिल होते हैं। श्री नदीम कोे उपलब्ध विवरण केे अनुसार 2020 के प्र्रारंभ में जिला उधमसिंह नगर के सत्र न्यायालयों में 1120 मुकदमें लम्बित थे जोे वर्ष के अन्त में कम होकर 1100 रह गये जबकि इस अवधि में 67 नये मामले दायर हुये हैं। अन्य अधिनियमों के वर्ष के प्रारंभ में 1110 मामले लम्बित थे जो वर्ष के अन्त में बढ़कर 1210 हो गये जबकि वर्ष में ऐसे 245 नये मुकदमें दायर हुये है। 2020 केे प्रारंभ में जिले के अधीनस्थ न्यायालयों में भारतीय दंड संहिता के अपराधों के कुल 7789 मुकदमें लम्बित थे जो वर्ष के अंत में बढ़कर 8309 होे गये जबकि इस अवधि में 1112 नये मुकदमें दायर हुये हैं। अन्य अधिनियमोें के अधीनस्थ न्यायालयों में लम्बित मामलों की संख्या 2020 के प्र्रारंभ में 4455 थी जो 2020 के अन्त में बढ़कर 4790 होे गयी हैै। इस अवधि में ऐेसे 4687 नये मुकदमें दायर हुये है।

news
Share
Share