window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); वैक्सीन के तकनीकी पक्ष समझे बिना प्रोपेगेंडा चला रही है कांग्रेस: कौशिक | T-Bharat
November 18, 2024

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वैक्सीन के तकनीकी पक्ष समझे बिना प्रोपेगेंडा चला रही है कांग्रेस: कौशिक

इन्दिरा का निधन राज्य की बड़ी क्षति : कौशिक

इन्दिरा का निधन राज्य की बड़ी क्षति : कौशिक

देहरादून “भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन कौशिक ने वैक्सीन को लेकर कांग्रेस के पोस्टर प्रदर्शनी को ढोंग,मिथ्या आडम्बर और झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि कांग्रेस वेक्सीन के तकनीकी और व्यवहारिक पक्ष को समझे बिना दुष्प्रचार के जरिये राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पहले इसके तथ्यों को समझने की जरुरत है,क्योंकि कई मामलो में वह बिना सोचे समझे राजनीतिक मुद्दे की तलाश में रहती है। भारत ने व्यवसायिक वर्ग के अंतर्गत और डब्लूएचओ के नियमो से बंधे होने के साथ टीके को बर्बाद होने से बचाने के लिए ही वैक्सीन बाहर भेजी । इसके अलावा वैक्सीन बनाने के लिए कच्चे माल की एवज और कोविशील्ड का लाइसेंस बाहर का होना भी कारण रहा,इससे उसकी बाध्यता वैक्सीन बाहर भेजने की भी रही।

श्री कौशिक ने कहा कि भारत ने पिछले 4 महीने में लगभग 6 करोड़ वैक्सीन अन्य देशों को सप्लाई की । कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही काफ़ी सवाल उठे है कि वैक्सीन सप्लाई ज़रूरी थी या नहीं ?
6 करोड़ वैक्सीन डोज़ में से भारत ने 2 करोड़ वैक्सीन COVAX ( जिसको की CEPI, Gavi, और WHO लीड कर रहे हैं) के अंतर्गत सप्लाई की है। COVAX के साथ SII ने COVID के शुरुआती दौर में समझौता किया था कि वह 20 करोड़ डोज़ COVAX को देगा। यह 2 करोड़ डोज़ उसी समझौते के अंतर्गत दी गयी है जिसके देने के लिए SII बाध्य है।
वहीं 4 करोड़ वैक्सीन की जिसको भारत सरकार ने व्यावसायिक वर्ग के अंतर्गत सप्लाई की इस पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिये। SII ने अधिकांश वैक्सीन फ़ेज़ 3 के रिज़ल्ट पब्लिश होने से पहले यानी नवम्बर माह में बनाकर तैयार करी थी। वैक्सीन की खुद की सेल्फ लाइफ होती है। Covishield की 6 माह है । भारत में वैक्सीन को मंज़ूरी जनवरी में मिली और 3 माह सेल्फ लाइफ के तो निकल चुके थे। एक्स्पर्ट्स शुरुआत एक दो माह में में सिर्फ़ फ़्रंट लाइन और 60 वर्ष से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने के पक्ष में थे। यानी अगर वैक्सीन बाहर देशों में नहीं भी भेजी जाती तो भी बर्बाद ही होती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह चरित्र रहा है कि शोर मचाओ और किसी भी तरह झूठ को सच साबित करने की कोशिश करो। ऐसे दुष्प्रचार के बजाय कांग्रेस अपनी ऊर्जा पीड़ितों की सेवा में लगाती तो बेहतर होता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले से ही वैक्सीन की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाती रही और लोगो के बीच भ्रम का वातावरण बनाती रही और जब कुछ हाथ नहीं लगा तो अब पोस्टर प्रदर्शन में जुट गई है

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