परीक्षा में फेल होने का डर सिर्फ़ इसलिए नहीं होता कि आप अपने दोस्तों से पीछे रह जाएंगे. ये डर होता है पिता जी की मार का. लेकिन आज एक ऐसे परिवार और उसकी परीक्षा के बारे में हम बता रहे हैं, जहां एक साथ पूरे परिवार ने 12वीं के बोर्ड्स दिए हैं.
बंगाल बोर्ड्स की 12वीं की परीक्षा में इस बार पिता, मां और बेटा तीनों बैठे थे. लेकिन परीक्षा के परिणाम के बाद पिता, बेटे को डांट नहीं सकता था. कारण ये नहीं था कि बेटा पास हो गया, बल्कि ये था पिता ही इस परीक्षा में फ़ेल हो गए.
बेटे और मां ने इस परीक्षा को पास कर लिया है. मां को इस परीक्षा में 45 प्रतिशत और बेटे को 50 प्रतिशत नम्बर आए हैं. पिता बलराम अपनी पत्नी और बेटे के रिज़ल्ट से बहुत खुश हैं. वहीं बेटे का मानना है कि अगर उनके पिता भी पास हो जाते, तो उनके परिवार को ज़्यादा खुशी होती. लेकिन इसमें कोई हताश होने वाली कोई बात नहीं है. वो अगली बार अपने पिता की मदद करेंगे और कोशिश करेंगे की अगली बार उनके पिता इस परीक्षा को पास कर लें.
रिज़ल्ट के बाद अब मां और बेटा दोनों अपने अगले पड़़ाव की तरफ़ बढ़ रहे हैं. अब उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए एक साथ फ़ॉर्म भरने की सोच रहे हैं.
इस परिवार ने एक उदाहरण हम सब के सामने पेश किया है कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती. भले ही पिता इस बार पास न हो पाएं हों, लेकिन उनकी कोशिश ही किसी मिसाल से कम नहीं है. परिवार में अगर इस प्रकार का साथ हो, तो इससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता.
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