window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); फसलों को बोने से बिकने तक की यात्रा का सही संयोजन -पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज | T-Bharat
November 17, 2024

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फसलों को बोने से बिकने तक की यात्रा का सही संयोजन -पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

Rishikesh: परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से एग्रीकल्चर सचिव, भारत सरकार श्री विवेक अग्रवाल जी, श्रीमती सपना अग्रवाल जी, विंग कमांडर डा. नवनीत मग्गों जी तथा डा. विनोद जी, एम्स ऋषिकेश ने भेंटवार्ता की।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने एग्रीकल्चर सचिव, भारत सरकार श्री विवेक अग्रवाल जी से कहा कि ‘‘कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि, हम भारतीयों को न केवल जीवन व पोषण देती है बल्कि उसने भारतीयों को एक उत्कृष्ट संस्कृति भी दी है, इसलिये कृषि करने की पद्धति सामंजस्यपूर्ण, सह-अस्तित्व और प्रकृति के संरक्षण के सिद्धान्तों पर आधारित होनी चाहिये।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में हम भारतीयों को जैविक कृषि (ऑर्गेनिक फार्मिंग) पर जोर देना होगा। कृषि हेतु उर्वरकों एवं कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिये ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहे। जैविक उत्पादों का उत्पादन कर हम वैश्विक स्तर पर जैविक बाजार तैयार कर सकते हैं इसलिये फसलों को बोने से बिकने तक की यात्रा का सही संयोजन किया जाना जरूरी है।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और विंग कमांडर डा. नवनीत मग्गों जी एम्स, ऋषिकेश द्वारा शुरू किये ‘‘स्त्री वरदान’’ कार्यक्रम के विषय में चर्चा की। स्वामी जी ने कहा कि नारी शक्ति को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना नितांत आवश्यक है। नारियों की चुप्पी की वजह से कई बार उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिये परिवार, समाज और अस्पताल का वातावरण इतना सहज होना चाहिये की वे अपनी स्वास्थ्य समस्याओं पर खुल कर बात कर सकें।
विंग कमांडर डा. नवनीत मग्गों जी ने पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से चर्चा के दौरान कहा कि पहाड़ों पर कई स्थानों पर उत्कृष्ट स्वास्थ्य समस्याओं का अभाव है अतः परमार्थ निकेतन और एम्स दोनों संस्थायें मिलकर पहाड़ पर रहने वालों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने में योगदान दे सकती हैं।
परमार्थ निकेतन में आज ’अर्थ आवर‘ के अवसर पर रात 8ः30 बजे से 9ः30 एक घण्टे तक रोशनी बंद रखकर बिजली बचाने एवं नेचर व फ्यूचर को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया। विश्व भर में प्रतिवर्ष मार्च के अंतिम शनिवार को मनाये जाने वाले ’अर्थ ऑवर’ को इस वर्ष 27 मार्च को मनाया जा रहा है। रात 8ः30 बजे से 9ः30 दुनिया भर में अनेक लोग एक घंटे के लिए लाइट बंद करके, पृथ्वी की सुरक्षा के साथ बेहतर नेचर और फ्यूचर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये अर्थ आवर मनाया जाता है।
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर द्वारा आयोजित इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा हेतु जागरूकता बढ़ाने और जनसमुदाय को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। एक घंटा पूर्ण रूप से लाइट बंद कर मोमबत्तियाँ एवं दीप जलाकर दुनिया को जलवायु संकट और प्रकृति को होने वाले भारी नुकसान के बारे में जागरूक करना तथा सतत विकास की राह पर बढ़ना है।

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