नई दिल्ली :अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़े मामले में आरोपी कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली की एक अदालत से कहा है कि उन्हें मामले में बरी किया जाना चाहिए। थरूर ने दलील दी है कि विशेषज्ञों की तरफ से कई तरह जांचें की गई हैं लेकिन उन्होंने ‘मौत के कारण पर कोई निश्चित राय’ नहीं दी है।
थरूर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने मामले में उन्हें (थरूर को) बरी किए जाने की गुजारिश करते हुए अदालत से कहा कि उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 498ए या 306 के तहत दंडनीय अपराध को साबित करने के लिए कोई भी सबूत नहीं है।
पाहवा ने कहा कि उनकी (सुनंदा) मौत को आकस्मिक माना जाना चाहिए। पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात को शहर के एक होटल में मृत पाई गई थी। पाहवा ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को बताया कि जांच के दौरान विशेषज्ञों की तरफ से जांच अधिकारी (आईओ) के सामने कई रिपोर्ट दी गई हैं, लेकिन मौत के कारणों पर कोई निश्चित राय नहीं थी।
थरूर के वकील ने कहा कि पुलिस की तरफ से वर्षों की जांच के बाद भी, अभियोजन पक्ष मौत के कारण की पहचान करने में नाकाम रहा है। पाहवा ने अदालत से कहा कि पुष्कर मौत के समय तमाम तरह की बीमारियों से जूझ रही थीं।
आरोपों पर दलीलें अभी पूरी नहीं हुई है और अदालत 23 मार्च को मामले में फिर सुनवाई करेगी। थरूर पर इंडियन पेनल कोड की धारा 498 ए और 306 के तहत आरोप लगाए गए हैं, लेकिन मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। उन्हें 5 जुलाई, 2018 को जमानत दी गई थी।
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