नैनीताल: वर्तमान वैश्विक महामारी कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति, उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय सह् कार्यपालक, अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायमूर्ति रवि मलिमठ के कुशल दिशा-निर्देशन में तथा उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के तत्वाधान में उत्तराखण्ड राज्य में तीसरी बार 21 दिसम्बर दिन शनिवार को सम्पूर्ण जिला एवं बाह्य न्यायालयों में ’’लघु अपराध से सम्बन्धित मामलों’’ के निस्तारण हेतु विशेष लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
जानकारी देते हुए जिला जज सदस्य-सचिव उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण डाॅ.जीके शर्मा ने बताया कि विशेष लोक अदालत को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप सर्वप्रथम प्रत्येक जनपदों द्वारा अधिक से अधिक लघु अपराध से सम्बन्धित मामलों को चिन्हित किया गया, जोकि पारस्परिक सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित होने की परिधिक के अन्तर्गत आते हों। उसके उपरान्त विशेष लोक अदालत हेतु गठित खण्ड पीठों के समक्ष निस्तारण किये जाने वाले अंतिम रूप से मामलों को सूचीबद्ध किया गया था। विशेष लोक अदालत की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप वादों की सुनवाई एवं निस्तारण हेतु सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य के जनपद तथा बाह्य न्यायालयों सहित कुल 77 खण्ड पीठें गठित की गयी थीं।
उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य-सचिव डाॅ.जीके शर्मा द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार गत दिवस 21 दिसम्बर को उत्तराखण्ड राज्य के सम्पूर्ण जनपद तथा बाह्य न्यायालयों में आयोजित विशेष लोक अदालत में 20346 वाद प्रस्तुत हुयेे जिसमें से 6561 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें समझौता राशि एक करोड़ अटठाईस लाख सैंतीस हजार बीस रूपये (12837020) रही।
उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य-सचिव डाॅ.जीके शर्मा ने आयोजित विशेष लोक अदालतों की जनपदवार विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जनपद अल्मोड़ा में गठित 2 खण्डपीठों में रखे गये 173 के सापेक्ष 132 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि आठ लाख सत्ताईस हजार चार सौ रूपये रही। जनपद बागेश्वर में गठित 2 खण्डपीठों में रखे गये 214 के सापेक्ष 86 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि तीन लाख निन्यान्वे हजार रूपये रही। जनपद चमोली में गठित 7 खण्डपीठों में रखे गये 200 के सापेक्ष 92 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि तीन लाख इकत्तीस हजार नौ सौ रूपये रही। जनपद चम्पावत में गठित 3 खण्डपीठों में रखे गये 140 के सापेक्ष 133 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि तीन लाख बारह हजार आठ सौ पचास रूपये रही। जनपद देहरादून में गठित 18 खण्डपीठों में रखे गये 3071 के सापेक्ष 1824 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि पन्द्रह लाख नौ सौ बीस रूपये रही। जनपद हरिद्वार में गठित 19 खण्डपीठों में रखे गये 5593 के सापेक्ष 924 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि सत्रह लाख इक्यावन हजार पचास रूपये रही। जनपद नैनीताल में गठित 7 खण्डपीठों में रखे गये 3634 के सापेक्ष 813 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि पन्द्रह लाख एक हजार छः सौ रूपये रही। जनपद पौड़ी गढ़वाल में गठित 9 खण्डपीठों में रखे गये 900 के सापेक्ष 447 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि सात लाख छप्पन हजार आठ सौ रूपये रही। जनपद पिथौरागढ़ में गठित खण्डपीठ में रखे गये 350 के सापेक्ष 37 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि अठासी हजार चार सौ रूपये रही। जनपद रूद्रप्रयाग में गठित 2 खण्डपीठों में रखे गये 339 के सापेक्ष 94 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि दो लाख उन्नासी हजार सात सौ रूपये रही। जनपद टिहरी गढ़वाल में गठित 6 खण्डपीठों में रखे गये 1243 के सापेक्ष 364 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि चैदह लाख चैंतीस हजार सात सौ पचास रूपये रही। जनपद उधम सिंह नगर में गठित खण्डपीठों में रखे गये 4090 के सापेक्ष 1413 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि इकत्तीस लाख सड़सठ हजार चार सौ पचास रूपये रही। जनपद उत्तराकाशी में गठित 2 खण्डपीठों में रखे गये 399 के सापेक्ष 202 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि चार लाख पिचासी हजार दो सौ रूपये रही। आयोजित विशेष लोक अदालत के संचालन एवं समस्त कार्यवाही के दौरान कोविड-19 के सम्बन्ध में केन्द्रीय एवं राज्य सरकार द्वारा बनाये गये समस्त नियमों, प्रतिबन्धों एवं दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया गया।
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