window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); सीजेएम कोर्ट ने दिए दुष्कर्म के आरोपी विधायक को डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देने के आदेश | T-Bharat
November 16, 2024

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सीजेएम कोर्ट ने दिए दुष्कर्म के आरोपी विधायक को डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देने के आदेश

देहरादून: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट देहरादून ने दुष्कर्म के आरोपी विधायक महेश नेगी को डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देने के आदेश दिए हैं। उन्हें बृहस्पतिवार को देहरादून सीजेएम कोर्ट में उपस्थित होना होगा।
इसके लिए दून अस्पताल प्रबंधन को भी डीएनए सैंपल के लिए टीम भेजने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं। पीड़िता का दावा है कि उसकी बेटी के जैविक पिता विधायक महेश नेगी ही हैं। वर्तमान में इस मुकदमे की विवेचना महिला थाना श्रीनगर के द्वारा की जा रही है। 
विधायक महेश नेगी के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं किया था। ऐसे में पीड़िता ने कोर्ट को शिकायत की। इसके बाद नेहरू कॉलोनी में विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पीड़िता का आरोप है कि विधायक ने देश के कई शहरों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है। इससे उनकी एक बेटी भी पैदा हुई है। पीड़िता का दावा है कि उसने बेटी का डीएनए टेस्ट कराया था, जिसमें महेश नेगी ही उसके जैविक पिता होने की पुष्टि हुई थी। हालांकि, यह डीएनए रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली थी। पीड़िता के वकील एडवोकेट एसपी सिंह ने बताया कि उन्होंने विधायक के डीएनए टेस्ट कराने के लिए सीजेएम कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट ने अब आदेश पारित किए हैं। कोर्ट का आदेश है कि विधायक महेश नेगी को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे कोर्ट में डीएनए सैंपल के लिए उपस्थित होना होगा। साथ ही विवेचना अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि पीड़िता की पुत्री को भी सैंपलिंग के लिए कोर्ट में नियत समय पर लेकर आएं। दून अस्पताल की टीम को भी वहां पर उपस्थित रहने के लिए कहा है। इस मुकदमे से पहले विधायक की पत्नी ने भी पीड़िता के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि महिला ने विधायक से करोड़ों रुपये मांगे हैं। नेहरू कॉलोनी पुलिस ने इस मामले में पिछले दिनों चार्जशीट दाखिल की थी। बाद में इसे तत्कालीन पुलिस कप्तान के आदेश पर रिकॉल कर दिया गया था। इसके साथ ही तत्कालीन आईजी गढ़वाल रेंज अभिनव कुमार ने दोनों मुकदमों की विवेचना को पौड़ी गढ़वाल स्थित महिला थाना को सौंप दी थी। 

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