हल्द्वानी:नैनीताल हाईकोर्ट ने विधायक महेश नेगी को राहत देते हुए डीएनए सैम्पलिंग के लिए कोर्ट में पेशी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद फिलहाल उस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सरकार व विपक्षियों को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट देहरादून ने दुष्कर्म के आरोपी महेश नेगी को डीएनए के लिए ब्लड सैंपल देने के आदेश दिए थे। उन्हें देहरादून सीजेएम कोर्ट में उपस्थित होना था। लेकिन वह पेश नहीं हुए। उन्होंने कोर्ट में न पेश होने के कारण खुद का बीमार होना बताया। जिसके बाद अब 11 जनवरी को विधायक महेश नेगी, पीड़िता और उसकी बेटी को बुलाया गया था।
इसके लिए दून अस्पताल प्रबंधन को भी डीएनए सैंपल के लिए टीम भेजने के आदेश कोर्ट ने दिए थे। पीड़िता का दावा है कि उसकी बेटी के जैविक पिता विधायक महेश नेगी ही हैं। वर्तमान में इस मुकदमे की विवेचना महिला थाना श्रीनगर के द्वारा की जा रही है। विधायक महेश नेगी के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं किया था। ऐसे में पीड़िता ने कोर्ट में शिकायत की। इसके बाद नेहरू कॉलोनी में विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पीड़िता का आरोप है कि विधायक ने देश के कई शहरों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है। इससे उनकी एक बेटी भी पैदा हुई है। पीड़िता का दावा है कि उसने बेटी का डीएनए टेस्ट कराया था, जिसमें महेश नेगी ही उसके जैविक पिता होने की पुष्टि हुई थी। हालांकि, यह डीएनए रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली थी।
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