window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); उत्तराखंड में शराब की दुकानों में कटौती करेगी सरकार | T-Bharat
November 23, 2024

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उत्तराखंड में शराब की दुकानों में कटौती करेगी सरकार

देहरादून: राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों से शराब की दुकानें पांच सौ मीटर दूर करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आबादी क्षेत्र में दुकानों की शिफ्टिंग के राज्यभर में भारी विरोध को देखते हुए अब सरकार शराब की दुकानों की संख्या में कटौती करने जा रही है। नई आबकारी नीति में इसके लिए प्रावधान किया जा रहा है।

पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले एक-तिहाई दुकानें कम किए जाने की संभावना है। हालांकि, सरकार इससे होने वाले आबकारी राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए वैकल्पिक उपाय भी कर रही है।

उत्तराखंड में गुजरे वित्तीय वर्ष में शराब की कुल 526 दुकानें खोली गई। इनमें से 402 दुकानें या तो राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित हैं या राज्य राजमार्गों पर। महत्वपूर्ण बात यह कि सरकार को लगभग 80 फीसद राजस्व राजमार्गों पर स्थापित दुकानों से ही मिलता है।

हालांकि उत्तराखंड सरकार ने 64 राज्य राजमार्गों को अन्य जिला मार्ग घोषित कर शराब की दुकानों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जद में आने से बचने का तरीका तलाशा, मगर इसका कोई बहुत अधिक फायदा नहीं हुआ। राज्य राजमार्गों पर स्थित 155 दुकानों में से केवल 35 अन्य जिला मार्ग बनाए जाने से शिफ्टिंग से बच पाईं।

शराब की दुकानों को लेकर प्रदेशभर में हो रहे विरोध के कारण सरकार नई आबकारी नीति को लेकर असमंजस में है। यही वजह रही कि कैबिनेट को पहले 30 अप्रैल और फिर 31 मई तक शराब की दुकानों को पुरानी नीति के मुताबिक ही एक्सटेंशन देना पड़ा।

गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष में 2100 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 1900 करोड़ रुपये ही हासिल किए जा सके। नई नीति में यह लक्ष्य लगभग 2300 करोड़ रुपये किए जाने की तैयारी है।

वित्त एवं आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने ‘दैनिक जागरण’ से बातचीत में कहा कि शराबबंदी राज्य व जनहित में ठीक नहीं है। इससे शराब के अवैध कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि नई नीति एक जून से अमल में आ जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य की कुल 526 शराब की दुकानों में से लगभग 200 दुकानें नहीं खुल पाई हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार जनता के भरोसे और उम्मीदों को कायम रखेगी और शराब की दुकानों की संख्या कम की जाएगी। साथ ही, उन्होंने जोड़ा कि इसके बावजूद आबकारी राजस्व में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। सरकार इसके लिए फार्मूला तैयार कर रही है।

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