देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का 4 दिवसीय शीतकालीन सत्र गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। चार दिवसीय विधानसभा सत्र 19 घंटे 10 मिनट तक चला। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि 21 दिसम्बर से आहूत हुए शीतकालीन सत्र कोरोना महामारी जैसी अपरिहार्य परिस्थितियों में भी शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। सदन के भीतर अधिकांश कार्यवाही हास-परिहास के माध्यम से सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष एवं पक्ष के सभी माननीय सदस्यों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 21वीं बार ऐसा हुआ कि सदन के भीतर प्रश्नकाल में सदस्यों द्वारा पूछे गये सभी तारांकित प्रश्न निश्चित समायावधि (01 घण्टा 20 मिनट) में उत्तरित हुए। 21 दिसम्बर को सत्र के प्रथम दिन विधान सभा में योग कार्यक्रम श्रृखला का आयोजन किया गया। साथ ही विधान सभा के कार्मिकों को बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित पतंजली योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण द्वारा सम्मानित भी किया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के प्रथम दिवस पर नेता सदन वर्चुवली जुड़े। कोराना पाॅजीटिव होने के बावजूद उनका सदन की कार्यवाही में जुड़ने का जज्बा संसदीय लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था को दर्शाता है और कोरोना से लड़ाई से प्रदेशवासियों को बल प्रदान करता है। इसके लिये में नेता सदन का साधूवाद करता हूं। सत्र के दौरान विधान सभा को 485 प्रश्न प्राप्त हुए, जिसमें 3 अल्पसूचित प्रश्न में 2 उत्तरित, 120 तारांकित प्रश्न में 21 उत्तरित, 302 आताराकिंत प्रश्न में 58 उत्तरित, 45 प्रश्न अस्वीकार एवं 15 प्रश्न विचाराधीन रखे गये। 18 याचिकाओं में से सभी स्वीकृत की गयी। वहीं नियम 300 में प्राप्त 71 सूचनाओं में 54 सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिये, नियम 53 में प्राप्त 43 सूचनाओं में 2 स्वीकृत एवं 29 ध्यानाकर्षण के लिये रखी गयी। नियम 58 में प्राप्त 15 सूचनाओं में सभी को स्वीकृत किया गया। नियम 299 में 1 सूचना प्राप्त हुई, जो कि स्वीकृत की गयी। सदन के पटल से उत्तराखंड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण)( संशोधन )विधेयक 2020, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901)( संशोधन) विधेयक 2020, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तराखंड शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान विधेयक 2020, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 पारित हुए। वहीं हेमंवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2020 को सदन के पटल पर पुनर्विचार हेतु रखा गया।सदन के पटल पर उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग का 19वाॅं वार्षिक प्रतिवेदन (01 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक), उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के वर्ष 2018-19 का वार्षिक लेखा विवरण, विद्युत नियामक आयोग के वित्तीय वर्ष 2018-19 की वार्षिक रिर्पोट प्रतिवेदन के रूप में रखी गयी।
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