window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); राहुल जैसे नेता किसानों को भड़का कर इटली भाग गए | T-Bharat
November 16, 2024

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राहुल जैसे नेता किसानों को भड़का कर इटली भाग गए

देहरादून: भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड ने उत्तराखंड के किसानों सहित सभी किसानों से अपील की है कि वे कांग्रेस व अन्य दलों के भड़कावे में न आए क्योंकि अब उन्होंने खुद ही देख लिया है कि अन्य दल उनका राजनीतिक प्रयोग कर रहे हैं और केवल मोदी जी ही उनके असली हितैषी है। भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन ने एक बयान में कहा कि जिस तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी किसानों को मोदी जी के खिलाफ भड़का कर अब इटली भाग गए हैं उससे साफ है कि वे किसानों के साथ न थे, न हैं और वे केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसानों का प्रयोग कर रहे हैं। यह बात सभी जानते हैं राहुल गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में इस बात को शामिल किया था कि यदि सत्ता में आए तो वे कृषि कानून लाएंगे। लेकिन देश की जनता ने उन्हें नकार दिया। किंतु गुजरात में मुख्यमंत्री के समय से किसानों के हितों के लिए सतत कार्य कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब जब इन कृषि कानूनों को पारित कराकर लागू कर दिया, किसान विरोधी सोच के राहुल गांधी और उनकी पार्टी के नेता किसानों को इन कानूनों के लाभ से वंचित रखने और मोदी जी का विरोध करने के लिए किसानों को लगातार भड़का रहे हैं। लेकिन ये नेता किसानों के कभी हितैषी नहीं रहे। इसी के चलते अब राहुल गांधी इटली भाग गए हैं। इससे साफ है कि उनके लिए किसानों की कोई कीमत नहीं है।
   उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को समर्थन दे रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का किसान विरोधी चेहरा उस समय बेनकाब हो गया जब उन्होंने पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि की राशि को उनके बैंकों में जाने से रोक दिया व उन्हें इस लाभ से वंचित कर दिया। इसी प्रकार किसान आंदोलन में लाल झंडे लेकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे वामपंथी दलों के पास क्या इस बात का कोई जवाब होगा कि केरल जहां उनकी सरकार कई दशकों से है में उन्होंने आज तक मंडिया स्थापित नहीं की ।इससे साफ है कि इन सभी का चेहरा कुछ और है और करते कुछ और है ।इसी तरह दिल्ली की आम आदमी पार्टी जिसने कुछ सप्ताह पूर्व ही कृषि कानूनों को दिल्ली में लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी थी ने अपने दोहरे चेहरे का फिर प्रमाण दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक लाभ उठाने के लिए अपने कुछ दिन पहले के निर्णय को ही पलट दिया और मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए उन्होंने किसान बिलों को फाड़ कर जो असंवैधानिक कार्य किया उससे उनकी पोल खुल गई है। डॉ भसीन ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों से जुड़े हुए कई असामाजिक तत्व भी  आंदोलन में घुसकर कानून विरोधी गतिविधियां करने से भी बाज नहीं आ रहे। इस क्रम में दिल्ली सीमा पर कई प्रकार की वांछित और यहाँ तक कि देश विरोधी गतिविधियाँ चल रही हैं वहीं उत्तराखंड में किसानों के बीच मौजूद कांग्रेस के लोगों ने जिस प्रकार पुलिस पर हमला किया उससे साफ है कि वे किसानों की आड़ में अपना एजेंडा चला रहे हैं ,जो किसानों के हित में नहीं है। डॉ भसीन ने कहा कि अब किसानों को समझ में आ रहा होगा कि विरोधी दल केवल दिखाने के लिए उनके साथ हैं। दूसरी ओर जिस धैर्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सरकार के मंत्री व भाजपा नेता कृषि कानूनों के बारे में पूरी जानकारी रख रहे हैं और हर बिंदु पर वार्ता के लिए तैयार हैं उससे साफ है कि मोदी जी और उनकी सरकार व भाजपा ही किसानों की हितैषी है।

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