नई दिल्ली। सोमवार के दिन बीसीसीआइ की राष्ट्रीय चयन समिति ने आखिरकार लंबे इंतजार के बाद चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया का एलान किया। जब दिल्ली में बोर्ड ने इस टीम का एलान किया तो शायद ही किसी को पता होगा कि रात होते-होते हजारों किलोमीटर दूर हैदराबाद में कुछ खिलाड़ी अपने ही अंदाज में ‘थैंक्यू’ कह देंगे। इसके पीछे कई दिलचस्प बातें भी शामिल हैं, आइए जानते हैं क्या है मामला।
– पहली पारी
सोमवार रात आइपीएल-10 में मुंबई और हैदराबाद के बीच मुकाबला खेला गया। इस मुकाबले में मुंबई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और उनकी तरफ से जिस खिलाड़ी का बल्ला गरजा वो थे उनके कप्तान रोहित शर्मा। इस धुरंधर ने 45 गेंदों पर 67 रन बनाए, जिस दौरान 6 चौके और 2 छक्के भी जड़े। रोहित आखिरी बार अक्टूबर 2016 में भारतीय वनडे टीम में नजर आए थे और उसके बाद चोट के कारण लंबे समय तक बाहर रहे। अब चैंपियंस ट्रॉफी से उनकी एक बार फिर वापसी हो रही है।
– दूसरी पारी
मुंबई ने रोहित की पारी के दम पर हैदराबाद को 139 रनों का लक्ष्य दिया। हैदराबाद ने अपना पहला विकेट अपने कप्तान डेविड वॉर्नर के रूप में 7 रन के स्कोर पर ही गंवा दिया था। इसके बाद मोर्चा संभाला शिखर धवन ने। शिखर ने 46 गेंदों पर नाबाद 62 रनों की पारी खेली और अपनी टीम को जीत दिलाकर ही पवेलियन लौटे। धवन ने अपनी पारी में 4 चौके और 2 छक्के जड़े। शिखर धवन की भी चैंपियंस ट्रॉफी के जरिए लंबे समय बाद टीम इंडिया में वापसी कर रहे हैं। धवन ने जनवरी 2017 में अपना आखिरी वनडे मैच खेला था लेकिन बार-बार फ्लॉप होने व अपनी फिटनेस के कारण वो सवालों के घेरे में थे। आखिरकार वो फिर एक बार टीम में हैं।
– तो ये है दिलचस्प बात..
दिलचस्प चीज ये है कि यही वो दो खिलाड़ी हैं जो चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया की संभावित ओपनिंग जोड़ी होगी। वहीं इससे भी दिलचस्प बात ये है कि इन दोनों ने 6 जून 2013 यानी पिछली चैंपियंस ट्रॉफी में पहली बार वनडे क्रिकेट में एक साथ पारी की शुरू की थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए उस पहले ही मैच में इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 127 रनों की साझेदारी करके सबका दिल जीता था। जबकि अगले ही मुकाबले में इस जोड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भी शतकीय साझेदारी कर दी थी। 2016 खत्म होते-होते इन दोनों ने 54 पारियों में 2450 रनों की साझेदारी को अंजाम दिया था जिसमें 8 शतकीय साझेदारी और 8 अर्धशतकीय साझेदारी शामिल थीं। ये जोड़ी विश्व वनडे क्रिकेट इतिहास की पांचवीं सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी साबित हुई है। जबकि ये भारतीय वनडे इतिहास में तेंदुलकर-गांगुली और तेंदुलकर-सहवाग के बाद तीसरी सबसे सफल वनडे ओपनिंग जोड़ी भी है।
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