बीजिंग। चीन ने कहा है कि दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा से भारत-चीन संबंधों और दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। चीन ने जोर देकर कहा है कि तिब्बत के धर्मगुरु का इस्तेमाल कर नई दिल्ली हमारे हितों की उपेक्षा नहीं करे।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर टिप्पणी की। पूर्वोत्तर में स्थित इस भारतीय राज्य पर बीजिंग अपने कब्जे वाले तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा होने का दावा करता है। प्रवक्ता ने कहा, ‘पूर्व में भी कुछ कारणों से जिसे हम सभी भारत-चीन संबंधों की राजनीतिक बुनियाद के रूप में जानते हैं उसकी उपेक्षा की गई है।’ 81 वर्षीय दलाई लामा के अरणाचल दौरे पर भारत के स्पष्टीकरण के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कांग ने कहा, ‘इसका द्विपक्षीय रिश्तों और सीमा विवाद से संबंधित समझौतों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।’
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन का हिस्सा बन चुके तिब्बत पर भारत की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। चीन के साथ सीमा विवाद पर भारत स्वच्छ, तार्किक और दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान की मांग करता रहेगा। कांग ने कहा, ‘हम भारत से तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धता का अवलोकन करने का आग्रह करते हैं। इसके साथ ही हम यह भी अनुरोध करेंगे कि चीन को नजरअंदाज करने के लिए वह दलाई लामा का इस्तेमाल नहीं करे।’
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