नईदिल्ली। केन्द्रीय कोयला, खनन और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सुनिश्चित करते हुए कहा कि कोयला आपूर्ति को एक आवश्यक सेवा के रूप में घोषित किया गया है तथा कोयला मंत्रालय के सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करने का निर्देश दिया है कि कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन अवधि के दौरान कोयले की आपूर्ति बनी रहे, ताकि वर्तमान परिस्थिति में बिजली और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र अप्रभावित रहें।
मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की कोयला उत्पादन, आपूर्ति और प्रेषण की निगरानी के लिए प्रतिदिन बैठकें आयोजित की जा रही हैं। कोयला सचिव अनिल कुमार जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 26 मार्च 2020 को पहली ऐसी बैठक ली। प्रतिदिन कोयला मंत्री को रिपोर्ट भी दी जाएगी। चूंकि कोयला मंत्रालय पूरी तरह से कागज-रहित कार्यालय है, इसलिए सभी कर्मचारी मंत्रालय के ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर या घर से ड्यूटी रोस्टर के अनुसार कार्य कर रहे हैं।
26 मार्च 2020 के अनुसार, बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक 24 दिनों की खपत के बराबर 41.8 मीट्रिक टन है। मंत्री जोशी ने बताया कि प्रत्येक कोयले पर निर्भर उद्योग / विद्युत क्षेत्र को निर्बाध और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा कई कदम उठाए गए हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस कठिन समय में सभी अधिकारी और कर्मचारी उत्पादन सुनिश्चित और आपूर्ति प्रभावित नहीं हो, इसके लिए कार्य कर रहे हैं।
प्रह्लाद जोशी ने आगे आश्वाश्त करते हुए कहा कि वर्तमान लॉकडाउन की अवधि के दौरान कोई भी मंजूरी रोकी नहीं जाएगी, जिसके तहत कोयला मंत्रालय की स्वीकृति आवश्यक होती है।
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