window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है गाजर, बदलते मौसम में खाने के हैं कई फायदे | T-Bharat
November 21, 2024

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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है गाजर, बदलते मौसम में खाने के हैं कई फायदे


फूड एक्सपर्ट्स के अनुसार, गाजर एक मल्टी न्यूट्रिशनल फूड है। गाजर नैचरल बायोऐक्टिव कंपाउंड्स से भरपूर होती है, जो हमारे शरीर को मजबूत बनाने का काम करते हैं। गाजर में चार प्रकार के फाइटोकैमिकल्स पाए जाते हैं। ये भी एक तरह के बायोऐक्टिव कंपाउंड्स होते हैं, जो पौधों से प्राप्त होनेवाले फल-सब्जियों में पाए जाते हैं। लेकिन गाजर उन चुनिंदा फूड्स में शामिल है, जो इनकी खूबियों से भरपूर होते हैं।
क्यों सर्दियों की सब्जी है गाजर?
गाजर की फूड प्रॉपर्टीज की बात करें तो इसमें पाए जानेवाली शर्करा, कैरोटिनॉइड्स और कुछ वाष्पशील यौगिक होते हैं। गर्म तापमान में उगाई गई गाजर में शरीर को इनका सही अनुपात नहीं मिल पाता है। इसलिए सर्दी के मौसम में उगाई गई गाजर सेहतमंद होती है।
कड़वा हो जाता है गाजर का स्वाद
गर्म मौसम उत्पन्न की जानेवाली गाजर में टेपरिन का संश्लेषण बढ़ जाता है। इससे गाजर का स्वाद सर्दी के मौसम में आनेवाली मीठी गाजर की तुलना में कड़वा हो जाता है। साथ ही इसके पोषक तत्वों का स्तर भी बदल जाता है। यह स्तर कैसा होगा, इस बात की जांच मौसम और मिट्टी के आधार पर ही की जा सकती है।
हृदय रोगों से बचाए
गाजर में पाए जानेवाले फाइटोकैमिकल्स के नाम इस प्रकार हैं- फेनोलिक्स, कैरोटीनॉइड, पॉलीएसेटाइलीन और एस्कॉर्बिक एसिड। गाजर को सलाद और जूस के रूप में उपयोग करने पर इसका अधिक लाभ प्राप्त होता है। खासतौर पर गाजर का जूस शरीर में ऐंटिऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ती है, जो हमारे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को प्रभावित करनेवाली हानिकारक बायॉलजिकल प्रॉसेस को रोकते हैं।
कैंसर रोधी तत्व
गाजर में पाए जानेवाले फाइटोकैमिकल्स को कैंसर रोधी माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, फेनोलिक्स, कैरोटीनॉइड, पॉलीएसेटाइलीन और एस्कॉर्बिक एसिड शरीर में कैंसर उत्पन्न होनेवाली कोशिकाओं को पनपने से रोकने में सहायता करते हैं। क्योंकि ये ऐंटिऑक्सीडेंट्स (ऑक्सीकरणरोधी) और ऐंटिइंफ्लामेट्री (सूजन घटाने) गुणों से भरपूर होते हैं।
गाजर के अलग रंग और गुण
गाजर नारंगी, पीले और लाल रंग की होती हैं। इनके रंगों के आधार पर ही इनमें अगल-अलग पोषक तत्वों की मात्रा होती है। गाजर में रंग के इस अंतर को जीनोटाइप कहा जाता है। गाजर के अलग-अलग रंग होने में भी फाइटोकैमिकल्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
बायोकंपाउंड्स और गाजर के गुण
नारंगी रंग की गाजर में कैरोटीन की मात्रा अधिक होती है। पीले रंग की गाजर में ल्यूटिन, लाल रंग की गाजर में लाइकोपीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। कैरोटीन हमारी आंखों, मसल्स और स्किन सेल्स को हेल्दी रखने में मदद करता है। ल्यूटिन आंखों के लिए अच्छा होता है और जरूरी प्रोटीन के निर्माण में सहायता करता है।
बैंगनी और काली गाजर के गुण
लाल गाजर में पाया जानेवाला लाइकोपीन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, दिल की कार्यक्षमता को मजबूत करने का काम करता है। इनके अलावा बैंगनी और काले रंग की गाजर भी होती हैं। बैंगनी गाजर की जड़ में एंथोसायनिन और काली गाजर में फेनोलिक यौगिक पाए जाते हैं। एंथोसायनिन और फेनोलिक ऐंटिऑक्सीडेंट्स का ही एक क्लास हैं।

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