window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); जनता कर्फ्यू के दौरान बंद रहा गायत्री तीर्थ | T-Bharat
September 23, 2024

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जनता कर्फ्यू के दौरान बंद रहा गायत्री तीर्थ


हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाहन पर हुए जनता कर्फ्यू के दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोडकर पूरा देश अपने-अपने घरों में बंद रहा। तो वहीं इस दौरान अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या के निर्देश पर शांतिकुंज परिवार सहित देश भर के गायत्री परिजन अपने-अपने घरों में ही रहे। गायत्री तीर्थ में भी इमरजेंसी सेवाओं के अलावा सभी कार्यालय, विभाग के भाई-बहिन अपने निवास में रहे। इस दौरान गायत्री परिजनों ने अपने घरों में हवन, साधना, स्वाध्याय आदि का क्रम चलाया। इसके लिए शांतिकुंज ने दिनभर की दिनचर्या का पत्रक तैयार कर देश भर में प्रसारित किया गया था। इसमें परिजनों से अपील की थी कि वे विपदा की इस घडी में राष्ट्र हित में अपना समय अवश्य लगायें।  अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ पण्ड्या ने कहा कि भारत के विकास एवं इसे सुरक्षित रखने हेतु चलाये जाने वाली सरकार की पहल का गायत्री परिवार सहयोग करता रहेगा। प्रधानमंत्री  मोदी के आवाहन पर कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम हेतु चलाये गये जनता कर्फ्यु को हमारा पूरा समर्थन है। यहाँ से भेजे गये निर्देशों के अनुसार पूरे देश में लाखों व्यक्तियों ने अपने-अपने घरों में विशिष्ट हवन सामग्री के माध्यम से एक कुण्डीय यज्ञ सम्पन्न किये। शांतिकुंज से जुड़े सभी प्रज्ञा संस्थानों-शक्तिपीठों में कर्फ्यू का पालन हुआ एवं यज्ञ सम्पन्न हुए। सभी ने भारत सरकार द्वारा निर्देशित गाइड लाइन्स को नियमित रूप से फालो किया है एवं करते रहेंगे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य गायत्री परिवार न हर विपत्ति की तरह इसका भी समर्थन किया है। वहीं शांतिकुंज में भी इमरजेंसी सेवाओ को छोडकर सभी विभाग के भाई-बहिन अपने-अपने निवास में ही रहे। इसके साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए शांतिकुंज परिवार ने आध्यात्मिक उपचार के अंतर्गत विशेष वैदिक मंत्रों के साथ जड़ी-बूटियों से हवन तथा जप भी प्रारंभ कर दिया है। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने संक्रमण से बचने के विविध उपायों के बारे में बताया। डब्ल्यूएचओ में योग विशेषज्ञ एवं देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने इन दिनों को एकांत साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ बताय

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