इस्लामाबाद बदहाल अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान ने चीन के आगे फिर हाथ फैलाए हैं। उसने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) से जुड़े प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए चीन से नौ अरब डॉलर (करीब 63 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज मांगा है। प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने के लिए गत वर्ष भी चीन गए थे। तब पाकिस्तान को चीन से जमा और वाणिज्यिक कर्ज के तौर पर 4.6 करोड़ डॉलर मिले थे।
डॉन अखबार के अनुसार, सीपीईसी पर संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) की यहां मंगलवार को हुई नौवें दौर की बैठक में पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधियों ने ग्वादर स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान को स्वीकृति दी। स्वास्थ्य और कारोबार के क्षेत्र में दो समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा चीन से मिले 294 अरब पाकिस्तानी रुपये से बने मुल्तान-सुक्कुर हाईवे का उद्घाटन किया गया।
जेसीसी बैठक की सह अध्यक्षता पाकिस्तान के योजना मंत्री मखदूम खुसरो बख्तयार और चीन के राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग के उपाध्यक्ष निंग जिझे ने की। बख्तयार ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के हालिया चीन दौरों और चीनी नेतृत्व के साथ हुई उनकी बातचीत से कृषि, उद्योग और सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिला है। पाकिस्तान ने सीपीईसी अथॉरिटी स्थापित की है। यह सीपीईसी से जुड़े सभी प्रोजेक्ट के लिए सिंगल विंडो की तरह काम करेगी।’
सीपीईसी को नई दिशा देंगे चीन-पाक
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, चीन और पाकिस्तान में 60 अरब डॉलर की लागत वाले सीपीईसी प्रोजेक्ट को नई दिशा देने पर सहमति बनी है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी खबर में बताया कि जेसीसी की नौवें दौर की बैठक में सीपीईसी को तांबा, सोना, तेल और गैस खनन क्षेत्रों से जोड़ने पर निर्णय लिया गया। बख्तयार ने कहा कि पाकिस्तान के तेल और गैस सेक्टर में आगामी तीन साल में दस अरब डॉलर का चीनी निवेश होने की उम्मीद है।
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