रियाद । रियाद शॉपिंग मॉल के बाहर हाईहील के साथ टाइट ओरेंज टॉप और ट्रॉजर पहने महिला ने सऊदी अरब में कई कट्टरपंथियों के माथे पर शिकन पैदा कर दी है। इसकी वजह उनकी वेस्टर्न स्टाइल की ड्रेस और इस्लाम की पहचान अबाया का न पहनना है। इस महिला का नाम मशेल अल जालोद (Mashael al-Jaloud) है। रियाद मशेल के आउटफिट को देखकर हैरान होने वालों में सिर्फ पुरुष ही नहीं थे बल्कि युवा महिलाएं भी शामिल थीं।
ह्यूमन रिसोर्स स्पेशलिस्ट हैं मशेल
मशेल ने भविष्य में लिए जाने वाले संभावित फैसले को अभी से अपने पर लागू कर दिया है। 33 वर्षीय मशेल ह्यूमन रिसोर्स स्पेशलिस्ट हैं और अबाया समेत ऐसे कपड़ों के सख्त खिलाफ हैं जो उन्हें मनचाहा जीवन जीने में बाधा बनते हैं। इसकी वजह से कट्टरपंथियों की भौहें चढ़ गई हैं। मशेल की बात करें तो वह सऊदी महिला की नई पहचान बन रही हैं। जिस वक्त वो मॉल से बाहर निकली तो हर किसी का ध्यान उन्होंने अपनी तरफ खींच लिया। एक महिला ने उन्हें रोककर यहां तक पूछ लिया कि क्या वह मॉडल हैं। इस पर उनका जवाब था कि वह मॉडल नहीं बल्कि एक आम सऊदी महिला हैं जो अपनी इच्छा से जीना चाहती हैं।
अबाया को किया विदा
मशेल ने अबाया को कुछ माह पहले ही हमेशा के लिए विदा कह दिया था। सऊदी महिलाओं को नई पहचान देने वालों में मशेल अकेले नहीं हैं बल्कि कुछ और भी इसमें शामिल हैं। मनहेल अल ओटेबी (Manahel al-Otaibi) इन्हीं में से एक हैं। वह बीते चार माह से बिना अबाया के सऊदी की सड़कों पर घूम रही हैं। उनका भी कहना है कि वह खुलकर जीना चाहती हैं। वह ऐसा जीवन चाहती हैं जिसमें बंदिशें न हों। उनका कहना है उन्हें जबरदस्ती कोई भी कुछ पहनने के लिए राजी नहीं कर सकता है।
सख्त कानून
गौरतलब है कि अबाया सैकड़ों वर्षों से मुस्लिम महिलाओं की पहचान रहा है। सऊदी अरब की बात करें तो वहां पर रह रही गैर मुस्लिम महिलाओं के लिए भी यह पहनना जरूरी है। वर्तमान में भी इसको लेकर यहां पर सख्त कानून है। मशेल के मुताबिक नियमों की ही वजह से उन्हें जुलाई में एक मॉल के अंदर जाने से रोक दिया गया था। इसको लेकर उन्होंने एक वीडियो भी ट्विट किया था। उन्होंने मॉल के गेट पर खड़े गार्ड को वह वीडियो भी दिखाया जिसमें क्राउन प्रिंस ने कहा था कि महिलाओं को सभ्य कपड़े पहने की इजाजत है। इसमें अबाया का पहनना जरूरी नहीं है। इसके जवाब में शॉपिंग मॉल की तरफ से ट्विट कर कहा गया है वह उन्हें एंट्री की इजाजत नहीं दे सकते हैं। इतना ही नहीं सऊदी के राजपरिवार ने भी एक ट्विट कर मशेल की निंदा की थी। मशेल को इसी तरह से एक रियाद की सुपर मार्केट में भी एंट्री करने से रोक दिया गया था। इतना ही नहीं यहां पर उन्हें पुलिस के हवाले करने तक की धमकी दी गई थी।
अबाया के लिए क्यों किया जाता है मजबूर
मशेल सऊदी के उन दकिनानूसी नियमों के खिलाफ जमकर भड़ास भी निकालती हैं। उनका कहना है कि सऊदी में निकी मिनाज को सिर-आंखों पर बिठाया जाता है जो अपनी बीकनी इमेज के लिए और अपने अंग प्रदर्शनों के लिए जानी जाती है। वहीं उन्हें जबरन अबाया पहनकर पूरी तरह से कवर होकर रहने के लिए मजबूर किया जाता है।
महिलाओं को शरीर पूरा ढकना जरूरी
देश में जहां सब महिलाएं पूरी तरह से शरीर को ढकने के लिए बुर्का पहनती हों वहां पर मशेल को देखकर हर कोई हैरान जरूर होगा। हालांकि बीते कुछ वर्षों में सऊदी अरब में महिलाओं को लेकर कई तरह के बदलाव देखने को आए हैं। बीते कुछ वर्षों में वहां की महिलाओं को चुनाव में खड़े होने, वोट डालने, खेल देखने, गाड़ी चलाने और अकेले सड़क पर निकलने और अकेले विदेश जाने की इजाजत दी गई है। इन सभी बदलावों के पीछे सऊदी के प्रिंस क्राउन मोहम्मद बिन सलमान हैं। आपको बता दें कि बीते साल ही प्रिंस सलमान ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात के संकेत दिए थे कि महिलाओं के ड्रेस कोड में कुछ रियायत दी जाएगी। इसके मुताबिक महिलाओं को पूरा शरीर ढकने वाले लिबास अबाया को पहनना जरूरी नहीं रह जाएगा।
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