नई दिल्ली। जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, मुंबई हमले का सबसे प्रमुख मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी और आइएसआइ की मदद से मुंबई को बम विस्फोटों से दहलाकर पाकिस्तान में छिपे दाऊद इब्राहिम के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी।
भारत ने अपने नए आतंकरोधी कानून (New UAPA Bill) के तहत उक्त चारों को व्यक्तिगत तौर पर आतंकी घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 1967 में संशोधन किया था। अभी तक व्यक्तिगत तौर पर आतंकी घोषित करने की कानूनी व्यवस्था देश में नहीं थी।
इस कानून के तहत पहली बार इन चार व्यक्तियों को आतंकी घोषित किया गया है क्योंकि अभी तक किसी संगठन को ही आतंकी घोषित किया जा सकता था। जबकि दूसरे तमाम देशों में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर भी दोषियों को आतंकी घोषित करने के प्रावधान मौजूदा थे। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी चार अलग-अलग अधिसूचनाओं में हाफिज सईद, लखवी, दाऊद और अजहर को आतंकी घोषित किया गया है।
अधिसूचना के मुताबिक इस कदम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सिर्फ आतंकी संगठनों के नाम बदलकर पुराने काम जारी रखना अब संभव नहीं हो सकेगा। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाफिज सईद है जो पिछले एक दशक में अपने संगठन लश्कर-ए-तैयबा का चार बार नाम बदल चुका है। संगठन का नाम और उससे संबंधित सभी सूचनाओं को बदलने के बाद किसी भी दूसरी एजेंसी के लिए उसके नए संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने में दिक्कत आती है। लेकिन नए संशोधन के बाद हाफिज जिस भी संगठन से जुड़ेगा उसके खिलाफ कार्रवाई का रास्ता अपने आप खुल जाएगा।
अधिसूचना में जैश सरगना अजहर के पुराने कृत्यों का भी ब्योरा दिया गया है। मसूद अजहर वर्ष 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा और लोकसभा पर विस्फोट के साथ ही वर्ष 2016 में पठानकोट सैन्य ठिकाने, वर्ष 2017 में श्रीनगर स्थित बीएसएफ कैंप पर हमले का भी जिम्मेदार रहा है। इसे पुलवामा हमले के लिए भी जिम्मेदार ठहराया गया है। अजहर को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की घोषणा 1267 के तहत आतंकी घोषित किया गया है। इन वारदातों के आधार पर ही गृह मंत्रालय ने अजहर को आतंकी घोषित किया है।
इसी तरह लखवी को वर्ष 2000 में लाल किले में हुए हमले, वर्ष 2008 में रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमले, वर्ष 2008 के मुंबई हमले और उधमपुर में बीएसएफ काफिले पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आतंकी घोषित किया गया है।
दाऊद इब्राहिम के बारे में कहा गया है कि उसने और उसके सहयोगियों ने वर्ष 1993 में मुंबई बम विस्फोट को अंजाम दिया था जिसमें 257 लोगों की मौत हुई थी और 1,000 लोग घायल हुए थे। पाकिस्तान में छिपे दाऊद की अन्य आतंकी गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी गई है कि किस तरह से वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध सिंडिकेट चला रहा है।
दाऊद इब्राहिम दुनिया में अपनी अपराधिक गतिविधियों को कितने नामों से चलाता है इसका भी जिक्र किया गया है। उसका नाम दाऊद हसन शेख कासकर, दाऊद भाई, दाऊद साबरी, इकबाल सेठ, बड़ा पटेल, शेख दाऊद हसन, अब्दुल हमीद, अजीज दिलीप, दाऊद भाई लो क्वालिटी जैसे अन्य कई नामों से प्रचलित है। दाऊद इब्राहिम को धर्म के नाम पर कट्टरता व आतंकवाद को बढ़ावा देने, आतंक के लिए वित्त की सुविधा उपलब्ध कराने, मादक द्रव्यों की तस्करी जैसे अपराधों के लिए आतंकी घोषित किया गया है।
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