पटना। बिहार कैबिनेट की बैठक मंगलवार को हुई। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 15 एजेंडा पर मुहर लगी। इसमें किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। अब उन्हें इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा पटना मेट्रो समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को बिहार कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दे दी। इतना ही नहीं, प्रदेश के नागरिकों को अब महज 10 दिनों के अंदर ड्राइविंग लाइसेंस और अधिकतम 30 दिन के अंदर मकान का नक्शा मिल जाएगा। पहले आवेदन करने पर ड्राइविंग लाइसेंस मिलने में कम से कम 30 दिन लगते थे, जबकि नक्शा देने की व्यवस्था लोक सेवाओं के अधिकार कानून में शामिल नहीं थी।
कुछ नई योजनाएं भी आरटीपीएस में शामिल
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि परिवहन और नगर एवं आवास विभाग की कुछ नई सेवाओं को इसके दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। नई योजनाओं के शामिल होने के साथ ही इस अधिनियम में शामिल सेवाओं की संख्या 58 हो गई है।
लाइसेंस का स्मार्ट कार्ड में परिवर्तन सात दिन
उन्होंने बताया कि अब तक वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन पर लाइसेंस देने में कम से कम 30 दिन का समय लगता था। संशोधन के बाद ड्राइविंग लाइसेंस अधिकतम 10 दिन के अंदर मिल सकेंगे। लाइसेंस को स्मार्ट कार्ड में परिवर्तित करने में पहले 15 दिन का वक्त लगता था अब महज सात दिन में यह कार्य होगा। इसी तरह निजी वाहनों का निबंधन 30 की बजाय सात दिन, व्यावसायिक वाहनों का निबंधन 30 की बजाय 10 दिन, वाहनों का रद्दीकरण प्रमाणपत्र 45 दिन की बजाय 30 दिन, वाहनों का ट्रेड प्रमाणपत्र 15 दिन की जगह महज 10 दिन में जारी होगा। दुर्घटनाग्रस्त वाहनों की जांच अधिकतम 15 दिनों में हो सकेगी। वाहनों के परमिट जिला स्तर पर 10 दिन में, क्षेत्रीय स्तर पर 30 दिन और राज्य स्तर पर 60 दिन में जारी होंगे।
मकान के नक्शे मिलेंगे महज तीस दिनों में
आरटीपीएस के दायरे में शामिल नगर एवं आवास विभाग की योजनाओं में नक्शा पास करने को प्रमुखता दी गई है। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों में अब तक नक्शा स्वीकृत होने की कोई मियाद तय नहीं थी। परन्तु, आरटीपीएस के दायरे में योजना को शामिल करते हुए यह व्यवस्था कर दी गई है कि मकानों के नक्शे अधिकतम 30 दिन में स्वीकृत या अस्वीकृत किए जाएंगे।
प्रदूषण जांच केंद्र के आवेदन 30 दिन में पास होंगे
मंत्रिमंडल ने नए प्रदूषण जांच केंद्र खोलने वालों को बड़ी सहूलियत देते हुए यह व्यवस्था बना दी है कि वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के आवेदन अधिकतम 30 दिन के अंदर स्वीकृत या अस्वीकृत किए जाएंगे। पूर्व से चलने वाले जांच केंद्रों के नवीनीकरण का प्रमाणपत्र 30 दिन में जारी किया जाएगा। नए प्रदूषण स्थल की जांच अधिकतम दस दिन में की जाएगी।
विभिन्न महकमे में 1879 पदों पर होगी बहाली
सरकार प्रदेश के अलग-अलग महकमे में विभिन्न श्रेणी के 1879 पदों पर बहाली करेगी। जिन विभागों में बहालियां होनी हैं उनमें समाज कल्याण, पंचायती राज और स्वास्थ्य विभाग हैं। बैठक में समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित विभिन्न तरह के गृहों में रहने वाले लाभार्थियों के भोजन दवा व अन्य मद में दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया।
समाज कल्याण में 1465 नियुक्तियां
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि स्टेट सोसायटी फॉर अल्ट्रा पुअर एंड सोशल वेलफेयर (सक्षम) के तहत वल्र्ड बैंक की परियोजना के लिए स्वीकृत पदों को प्रत्यार्पित करते हुए नियमित आधार पर समाज कल्याण विभाग में जिला एवं अनुमंडल स्तर के कुल 1465 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इनमें सेंटर मैनेजर 63, यूडीसी 63, केस मैनेजर 101, सीनियर फिजियो थेरेपिस्ट 101, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट 101, फिजियो थेरेपिस्ट 139, मोबिलिटी इंस्ट्रक्टर 101, ऑडियोलॉजिस्ट सह स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट 101, परामर्शी 101, टेक्निीशियन 139, स्पीच हेयङ्क्षरग टेक्निीशियन 139, प्रोस्थेटिक एंड ऑर्थोटिक 101, पारामेडिक 38, केयर गिवर 101, कुक सह हेल्पर, 38, ड्राइवर 38 के पद हैं।
स्वास्थ्य विभाग में 111 पद पर बहाली
समाज कल्याण के अलावा स्वास्थ्य विभाग के तहत 36 सदर अस्पतालों में स्पीच पैथोलॉजिस्ट सह ऑडियोलॉजिस्ट के एक-एक कुल 36 और ऑडियोग्राफर के 36 पद सृजित किए गए है
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