देहरादून,। दीपावली त्यौहार संपन्न होने के बाद आज से छठ पर्व शुरू हो गया है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तमाम संगठनों ने छठ पूजा की तैयारी की है। देहरादून शहर में तमाम जगहों पर मौजूद घाटों की साफ सफाई के साथ ही पूजा संबंधित तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। आज 5 नवंबर से नहाय खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो गई। इसके साथ ही 7 नवंबर की शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
छठ पूजा के पर्व का व्रत काफी कठिन होता है। हालांकि, अमूमन तौर पर ये पर्व बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में मनाया जाता है, लेकिन धीरे धीरे ये पर्व पूरे देश में अपनी पहचान बना रहा है।
इन राज्यों के लोग देश के हर कोने में मौजूद हैं। ऐसे में देश के तमाम हिस्सों की तरह ही राजधानी देहरादून में भी छठ पूजा की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। उत्तराखंड की पूर्वा सांस्कृतिक मंच की ओर से देहरादून समेत प्रदेश के तमाम जिलों में छठ पूजा की तैयारियां की गई हैं।
पूर्वा सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष संतोष झा ने बताया कि वो मंच के जरिए पिछले 10 सालों से छठ पूजा की तैयारियां कर रहे हैं। मंच के जरिए तमाम व्यवस्थाएं मुकम्मल कराई जाती हैं, ताकि छठ पूजा करने वाली महिलाओं को पूजा करने में कोई दिक्कत न हो। साथ ही बताया कि छठ पूजा की तैयारियां नहाय खाय के साथ ही शुरू हो जाती हैं। इस दौरान व्रती महिलाएं चावल, लौकी की सब्जी और अरहर की दाल अनिवार्य रूप से खाती हैं। संतोष झा ने बताया कि 7 नवंबर की शाम को सूर्यास्त के समय महिलाएं सूर्य देवता को अर्घ्य देंगी। इसके साथ ही संध्या आरती के बाद पूरी रात घाट पर ही महिलाएं सुबह होने का इंतजार करेंगी। इसके साथ ही ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3 बजे से छठी माता की आराधना करेंगे। जब सूर्याेदय होगा तो व्रती महिलाएं सूर्य देवता को अर्घ्य देंगी। साथ ही बताया कि पूर्वा सांस्कृतिक मंच की ओर से देहरादून में 18 घाटों पर छठ पूजा की तैयारियां कराई जाती हैं। देहरादून शहर में इस पूजा में करीब 2 लाख लोग शामिल होते हैं।
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