उत्तरकाशी,। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर रविवार यानि आज 12ः05 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। यमुनोत्री धाम में विशेष पूजा अर्चना के के बाद तय शुभ मुहूर्त पर मां यमुना व सोमेश्वर देवता की डोली ढोल-बाजों की अगुवाई में खुशीमठ (खरसाली) के लिए रवाना हुई। जिसके बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन शीतकालीन प्रवास खुशीमठ खरसाली गांव में किए जाएंगे।
यमुनोत्री मंदिर के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में 12 बजकर 5 मिनट पर मकर लग्न, अनुराधा नक्षत्र एवं सौभाग्य योग में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके बाद शनि देव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव के लिए रवाना हुई। जिसके बाद मां यमुना की डोली देर शाम को खरसाली गांव में यमुना मंदिर में विराजमान होगी। तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक मान्यता है कि आज भैयादूज के पावन पर्व पर यमुना जी के पावन जल में स्नान और दर्शन मात्र से यम यातना से मुक्ति मिलती है।
देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन छह माह तक उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में कर सकेंगे। इससे पूर्व यमुनोत्री धाम से मां की उत्सव डोली आने पर पैदल मार्ग की साफ सफाई कराई गई। जिससे पूरा रास्ता साफ सुथरा रहे। वहीं यमुनोत्री धाम में अब तक 711754 यात्री पहुंच चुके हैं। खरसाली गांव में मां यमुना की उत्सव डोली को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्सव दिखा। यहां ग्रामीणों ने यमुना का मंदिर फूल मालाओं से सजाया है। वहीं ग्रामीण अपने गांव की गलियों को सुबह से ही साफ सफाई में जुटे रहे। यहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने स्वच्छता अभियान चलाया। ग्रामीणों का कहना है कि मां यमुना की उत्सव डोली गांव में आ रही है। इससे पहले गांव में सफाई अभियान चलाया गया। बता दें कि 2 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं।
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