देहरादून। पंडित दीन दयाल उपाध्याय वित्तीय प्रशासन प्रशिक्षण और शोध संस्थान द्वारा केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड राज्य के वित्त अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था कि सीबीडीसी के माध्यम से सब्सिडी को लक्षित लाभार्थियों तक बिना किसी लीकेज के कैसे पहुँचाया जा सकता है।
इस कार्यशाला में भारतीय रिज़र्व बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का विशेष सहयोग रहा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से क्षेत्रीय प्रमुख देहरादून मनोहर सिंह, डीजीएम गणेश तिवारी, और अन्य डिजिटल विशेषज्ञ उपस्थित रहे। मुख्य वक्ताओं में आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक स्वप्निल कुमार शानू और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सीबीडीसी के प्रोजेक्ट हेड शाश्वत पति (मुंबई) शामिल हुए। कार्यशाला की अध्यक्षता निदेशक कोषागार दिनेश चंद्र लोहनी ने की उन्होंने इस प्रकार की कार्यशालाओं की महत्ता की ओर ज़ोर दिया और सभी वित्त अधिकारियों से बदलते वित्तीय आयाम के अनुरूप अपनी कार्यकुशलता को बढ़ाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने सभी अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे बैंक और सरकार के बीच वेतन पैकेज समझौता ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों को जोडे, ताकि सरकारी कर्मचारियों को बेहतर सेवाएं और बीमा लाभ मिल सकें। कार्यक्रम के अंत में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान किया और ब्ठक्ब् के संभावित उपयोग और फायदों पर अपने विचार साझा किए। इस प्रकार की कार्यशालाएँ डिजिटल वित्तीय समाधान और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
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