रविवार को सरस्वती विद्या मंदिर गैंडीखाता के प्रांगण मे विजय दशमी और 99वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आरएसएस लालढांग खंड के स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम के तहत कृष्णायन गौशाला गैंडीखाता से श्री अनंतानंद जी की अध्यक्षता में शस्त्र पूजन किया गया।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हरिद्वार जिले के जिला प्रचारक जगदीप ने कहा कि संघ अपने 6 उत्सव में से एक विजयदशमी को स्थापना दिवस के रूप में मनाता है।
जिसे सनातन संस्कृति के अनुरूप मनाया जाता है, क्योंकि इस पर्व को नौ दिनों तक शक्ति स्वरुपा मां दुर्गा शक्ति के नौ देवी के व्रतों को पूर्ण करने के पश्चात विजयदशमी मनाते हैं।
यह हमारी कार्य संस्कृति का भी परिचायक है।
संघ अपने कार्य के बल पर 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
शताब्दी वर्ष के 5 परिवर्तन विषय कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण जल संरक्षण, स्व का जागरण, नागरिक कर्तव्य जैसे विषयों को समाज में एकरूपता के साथ एकात्म करना है।
ये क्रम तब से चल रहा है, जब से संघ की स्थापना हुई. संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी यानी दशहरा के दिन हुई थी. दशमी पर शस्त्र पूजन का विधान है. इस दौरान संघ के सदस्य हवन में आहुति देकर विधि-विधान से शस्त्रों का पूजन करते हैं. संघ के स्थापना दिवस कार्यक्रम में हर साल ‘शस्त्र पूजन’ खास रहता है. इस वर्ष ये कार्यक्रम इसलिए भी विशेष था क्योंकि संघ अब अपने 100 वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, अगले वर्ष संघ को 100 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे।
कार्यक्रम में पूर्ण गणवेश में 80 स्वयंसेवक,अन्य स्वयंसेवक 35 कुल संख्या 115 रही।इस कार्यक्रम में खण्ड कार्यवाह कृष्णा गुप्ता,खण्ड शारीरिक प्रमुख रोहित,खण्ड व्यवस्था प्रमुख कमल चौहान,खण्ड बौद्धिक प्रमुख कृष्णा उपाध्याय,खंड सामाजिक प्रमुख हंसराज,देशराज सिंह, सुशील सिंह, प्रदीप सैनी आदि स्वय सेवक मौजूद रहे।
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